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एक साल के भीतर घर में गई तीन जान, 3 दिन के बेटे की मौत ने कर दिया तड़पने को मजबूर

एक साल के भीतर घर में गई तीन जान, 3 दिन के बेटे की मौत ने कर दिया तड़पने को मजबूर

Image Source : B PRAAK INSTAGRAM
बी प्राक।

पंजाबी सिंगर बी प्राक इन दिनों बॉलीवुड म्यूजिक इंडस्ट्री में छाए हुए हैं। उनके एक के बाद एक हिट गानों ने उन्हें एक खास पहचान दिलाई है और उनकी फैन फॉलोइंग लगातार बढ़ रही है। बी प्राक अक्सर अपने दोस्त और मशहूर लिरिसिस्ट जानी के साथ काम करते हैं और दोनों की जोड़ी को दर्शकों का खूब प्यार मिलता है। सफलता के शिखर पर होने के बावजूद बी प्राक बेहद जमीन से जुड़े इंसान हैं। उन्हें अक्सर वृंदावन में कृष्ण भक्ति में लीन देखा जात है, लेकिन उनकी जिंदगी हमेशा इतनी आसान नहीं रही। उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे और अपने जीवन का सबसे बड़ा दर्द तब झेला जब उन्होंने अपने नवजात बेटे को खो दिया। इस दर्दनाक अनुभव के बारे में उन्होंने हाल ही में खुलकर बात की।

जब बी प्राक पर गिरा दुखों का पहाड़

कुछ महीने पहले एक पॉडकास्ट में एंकर शुभांकर मिश्रा से बातचीत के दौरान बी प्राक ने अपने जीवन के सबसे कठिन दौर को याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे आध्यात्मिकता की ओर उनका झुकाव बढ़ा और किस तरह उन्होंने अपने निजी नुकसान से खुद को संभाला। बी प्राक ने बताया कि 2021 उनके लिए बेहद मुश्किल साल था। उस साल पहले उनके चाचा का निधन हुआ और कुछ महीनों बाद उनके पिता का। इन गमों के बाद भी उन्होंने खुद को संभालने की कोशिश की, लेकिन 2022 में उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई जब उनके नवजात बेटे का जन्म के तीन दिन बाद ही निधन हो गया।

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उजड़ गई थी सिंगर की दुनिया

बी प्राक ने भावुक होकर बताया कि उस वक्त उनकी सबसे बड़ी चिंता थी कि अपनी पत्नी मीरा को यह दुखद खबर कैसे बताएं। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मीरा को कैसे बताऊं। मैं बस कहता रहा कि डॉक्टर देख रहे हैं, टेंशन मत लो। मैंने उसे यही कहा कि बच्चा एनआईसीयू में है, क्योंकि अगर सच बता देता तो वो ये झटका नहीं झेल पाती।’ लेकिन ये खबर ज्यादा दिन तक वो नहीं छिपा पाए और जब ये दर्दनाक खबर उनकी पत्नी के सामने आई तो वो पूरी तरह बिखर गईं और उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की।

पत्नी की चिंता में उठाया ये कदम

उन्होंने अपने बेटे के अंतिम संस्कार के पल को याद करते हुए कहा, ‘इतना छोटा बच्चा और इतना भारी… ये मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दुख था। जब मैं अस्पताल से लौटकर आया और मीरा नीचे आई, तो उसने मुझसे कहा, ‘दफना आए न तू… मुझे दिखा तो देते।’ आज तक उसे इस बात का मलाल है कि मैंने उसे हमारा बच्चा नहीं दिखाया, लेकिन मुझे डर था कि अगर दिखा देता तो वो टूट जाती।’ सिंगर कहते हैं कि उनकी पत्नी की ये नाराजगी आज तक कम नहीं हुई। इस दुख से उबरने के लिए उन्होंने कृष्ण भक्ति को अपनाया और वृंदावन में काफी वक्त बिताने लगे। सिंगर की पत्नी भी अक्सर वृंदावन आती हैं।

कृष्ण भक्ति बनी सहारा

बी प्राक की यह भावनात्मक कहानी उनके जीवन के संघर्षों और उनकी गहरी संवेदनशीलता को दर्शाती है। तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्होंने खुद को संभाला, आध्यात्मिकता की ओर रुख किया और अपने संगीत के जरिए लोगों के दिलों को छूने का सिलसिला जारी रखा। उनका कहना है कि वृंदावन आकर कृष्ण भक्ति में लीन होकर उन्हें शांति मिलती है और इस इस गम से उबरने की हिम्मत भी।

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