
प्रिया सचदेव और संजय कपूर, संजय कपूर के साथ करिश्मा कपूर।
दिवंगत उद्योगपति संजय कपूर की लगभग 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर बुधवार को अदालत में एक बड़ा मामला सामने आया, जब उनकी पत्नी प्रिया कपूर ने अपनी सौतेले बच्चों की याचिका को चुनौती दी, जिसमें उन्होंने उनकी निजी संपत्ति में हिस्सेदारी मांगी थी। करिश्मा के दोनों बच्चों द्वारा दायर याचिका में संजय की 21 मार्च को जारी की गई उस कथित वसीयत को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनकी पूरी निजी संपत्ति उनकी सौतेली मां प्रिया के नाम कर दी गई थी। बच्चों का दावा है कि न तो संजय ने वसीयत का जिक्र किया, न ही प्रिया या किसी और ने इसके अस्तित्व के बारे में कभी बात की। संजय 12 जून को इंग्लैंड में एक पोलो मैच खेलते हुए अचानक असहज महसूस करने लगे और फिर उनकी मौत हो गई थी।
क्या है करिश्मा के बच्चों की मांग
बच्चों ने अपने दिवंगत पिता की संपत्ति में पांचवां हिस्सा मांगा है। करिश्मा की बेटी समायरा कपूर ने अपनी मां के जरिए याचिका दायर की है, जिसमें उन्हें अपनी जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी के तौर पर अधिकृत किया गया है। उनके नाबालिग बेटे कियान का भी मां करिश्मा कानूनी अभिभावक के तौर पर प्रतिनिधित्व कर रही हैं। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान प्रिया कपूर की ओर से पेश हुए वकील राजीव नायर ने कहा, ‘यह मुकदमा बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। मैं विधवा हूं, मैं उनकी कानूनी पत्नी हूं। प्यार और स्नेह के दावे, ये सब तब कहां थे जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में तलाक की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। आपके पति आपको कई साल पहले छोड़ गए थे।’ वह 2016 में हुए करिश्मा और संजय के तलाक का जिक्र कर रहे थे।
कब होगी मामले की सुनवाई
बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों की अपने पिता संजय कपूर की संपत्ति में हिस्सेदारी दिए जाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रिया सचदेव कपूर और अन्य को समन जारी किया। इसके साथ ही दो हफ्ते मे जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। 9 अक्टूबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। प्रिया सचदेव कपूर को संजय कपूर से जुड़ी चल और अचल सम्पत्ति का ब्यौरा कोर्ट मे जमा कराना होगा। बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चे समायरा कपूर और कियान राज कपूर ने अपने पिता सुंजय कपूर की संपत्ति में हिस्सेदारी मांगते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दिए जा चुके हैं 1900 करोड़
बच्चों का आरोप है कि उनके पिता की जो वसीयत दिखाई जा रही है, वो फर्जी और गलत है। इस वसीयत में दोनों बच्चों को पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है। बच्चों की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि सुंजय कपूर हमेशा दस्तावेजों को व्यवस्थित रखते थे, लेकिन यह वसीयत संदिग्ध है और रजिस्टर्ड भी नहीं है। वहीं सुंजय कपूर की दूसरी पत्नी प्रिया कपूर की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव नायर ने दलील दी कि बच्चों को पहले ही ट्रस्ट के जरिए करीब 1900 करोड़ रुपए की संपत्ति दी जा चुकी है। नायर ने कहा कि वसीयत का रजिस्टर्ड होना ज़रूरी नहीं है और प्रिया कपूर ही सुंजय कपूर की आख़िरी कानूनी पत्नी हैं।
संजय की मां ने भी खड़े किए सवाल
इस बीच सुंजय कपूर की मां ने भी कोर्ट में कहा कि कुल 10 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर सवाल है और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने केस को औपचारिक रूप से दर्ज करते हुए प्रतिवादियों को दो हफ़्ते में जवाब दाखिल करने और वसीयत को सीलबंद लिफाफे में पेश करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सुंजय कपूर की सभी संपत्तियों की सूची भी कोर्ट में जमा करनी होगी। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी, जब कोर्ट अंतरिम आदेश यानी स्टे पर विचार करेगा।
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