
अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन ने शोले से लेकर शंहशाह तक कुछ ऐसी फिल्में कीं, जिनके आज भी चर्चे होते रहते हैं। सोशल मीडिया पर इनके डायलॉग खूब इस्तेमाल किए जाते हैं। कभी मीम के तौर पर तो कभी रील्स के रूप में अमिताभ बच्चन के डायलॉग्स इन फिल्मों के डायलॉग खूब छाए। 1988 में रिलीज हुई ‘शहंशाह’ में अमिताभ बच्चन ने एक खास जैकेट पहनी थी, जो काफी पॉपुलर हुई। इस लेदर जैकेट के बाजू को स्टील की चैन से तैयार किया गया था, जिसके पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है। शंहशाह के डायरेक्टर औ र अभिनेता टीनू आनंद ने खुद इस जैकेट से जुड़ा किस्सा शेयर किया था।
पहली पसंद नहीं थी स्टील आर्म वाली जैकेट
टीनू आनंद ने करीब 3 साल पहले आज तक से बातचीत के दौरान इस जैकेट को लेकर बात की थी और बताया था कि शहंशाह के लिए ये जैकेट उनकी पहली पसंद नहीं थी। उन्होंने बताया- ‘मैंने और डिजाइनर अकबर ने मिलकर एक दूसरा जैकेट डिजाइन किया था। लेकिन, तभी अमिताभ जी की सेहत बिगड़ गई और डॉक्टर्स ने तो यहां तक कह दिया था कि शायद अब वह आगे काम ना कर पाएं। उनकी मांस-पेशियों में कुछ समस्या आ गई थी, जिसके कारण हमने ये भी अनाउंस कर दिया कि अब वह ये फिल्म नहीं करेंगे। शहंशाह तब बस अनाउंस ही हुई थी, उसकी शूटिंग शुरू नहीं हुई थी।’
रोज करता था अमिताभ बच्चन के ठीक होने की दुआ
उन्होंने आगे कहा था- ‘हमने एक लंबा शेड्यूल बैंगलोर में प्लान किया था, क्योंकि अमित जी भी वहीं थे। गाने रिकॉर्ड हो चुके थे और तीन आर्टिस्ट को भी साइन कर लिया था। लेकिन, तभी खबर आई कि अमित जी काम नहीं करेंगे। मेरे घर और ऑफिस के आगे फाइनेंसर की लाइन लगी थी। वो पैसे वापस मांगने लगे। इसी बीच मेरी मुलाकात अमित जी के भाई से हुई और उन्होंने हाल पूछा तो मैंने कह दिया- बर्बाद हो चुका हूं। बंटी ने मेरी ये बात अमित जी को बताई, वो भी मेरी हालत से वाकिफ थे। मैं तो रोजाना दुआ करता था कि वो ठीक हो जाएं और वापस आ जाएं।’
जितेंद्र को दे दिया जैकेट
‘मैंने अकबर के साथ मिलकर जो जैकेट डिजाइन करवाई थी, वो उसने जाकर ‘आग और शोला’ के लिए जितेंद्र को दे दी। अकबर की इस हरकत ने मेरा दिल तोड़ दिया। हम दोनों ने जैकेट को लेकर प्लान किया था कि इसमें शोल्डर पर एक रस्सी बंधी होगी, जिससे वह क्रिमिनल्स को पकड़कर कोर्ट रूम तक घसीटते हुए लेकर आएंगे। मैंने जब आग और शोला का एड देखा तो पता चला कि ये वही जैकेट है जो मैंने अमित जी के लिए प्लान की थी। फिर मैंने दूसरी जैकेट बनवाई और तय कर लिया कि अब अकबर के साथ काम नहीं करूंगा। फिर मैंने किशोर बजाज के साथ मिलकर नई जैकेट की योजना बनाई।’
अमिताभ बच्चन के लिए बनवाई नई जैकेट
‘मुझे एक दिन बजाज का कॉल आया। मैं जब पहुंचा तो उसने एक फ्रेंच ऐड दिखाया। इसमें एक लड़के ने कुछ ऐसी ही जैकेट पहनी होती है। मैंने पूछा ऐसा जैकेट बन सकता है? बजाज ने कहा- हां क्यों नहीं। मैंने कहा, जैसे ही अमित जी की वापसी की खबर मिलती है, तुम ये जैकेट डिजाइन करना शुरू कर देना। फिर एक दिन अमित जी ने कॉल किया और कहा कि जो पेंडिंग फिल्में हैं, मैं पहले उनकी शूटिंग पूरी कर लूं और फिर शहंशाह की शूटिंग शुरू करूंगा। मैंने उन्हें जब अकबर वाला वाक्या बताया तो वह हैरान थे, क्योंकि वह हमेशा उसी से अपने कपड़े डिजाइन करवाते थे। मुझे याद है, जैकेट तैयार हुई तो उसकी फिटिंग के लिए मैं चैन्नई गया, जहां उन्होंने जैकेट ट्राई की और उन्हें ये बेहद पसंद आई।’
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