
रजनीकांत ने 70 के दशक में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी।
अमिताभ बच्चन और अमजद खान पर फिल्माया एक गाना ‘तेरे जैसा यार कहां…’ एक शख्स पर बिलकुल फिट बैठता है। ये वो शख्स है, जिसने सिनेमा जगत को रजनीकांत जैसा सुपरस्टार दिया। रजनीकांत को हीरो बनाने के लिए इस शख्स ने कई कुर्बानियां दीं। अगर आप सोच रहे हैं कि हम किसी एक्टर, डायरेक्टर या प्रोड्यूसर की बात कर रहे हैं तो नहीं हम बात कर रहे हैं उस ड्राइवर की, जिसने अपना पेट काट कर रजनीकांत को सुपरस्टार बनाने में मदद की और 55 साल बाद भी थलाइवा इस शख्स का कर्जा नहीं उतार सके हैं।
रजनीकांत को किसने बनाया सुपरस्टार?
आज हम आपको रजनीकांत के सबसे अच्छे दोस्त के बारे में बताते हैं, जिन्होंने मुश्किल वक्त में उनकी मदद की और थलाइवा को शोहरत और नाम दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। दुनिया भले ही थलाइवा को रजनीकांत के नाम से जानती हो, लेकिन अपने दोस्त के लिए वे हमेशा शिवाजी थे और रहेंगे। रजनीकांत के ये दोस्त कभी बस ड्राइवर का काम किया करते थे और इनका नाम राज बहादुर है।
राज बहादुर से कैसे हुई रजनीकांत की मुलाकात?
दरअसल, फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले रजनीकांत अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए बस कंडक्टर का काम किया करते थे। उनकी आर्थिक स्थिति ने उन्हें अपना घर चलाने के लिए अलग-अलग काम करने के लिए मजबूर किया। 1970 में रजनीकांत की मुलाकात राज बहादुर से हुई। तब वे बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज में काम करते थे। जल्दी ही रजनीकांत और राज बहादुर अच्छे दोस्त बन गए।
राज बहादुर ने पहचानी रजनीकांत की प्रतिभा
राज बहादुर ने रजनीकांत के अंदर छुपी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें एक्टर बनने का अपना सपना पूरा करने के लिए कहा। लेकिन, आर्थिक समस्याओं के चलते रजनीकांत फिल्मी दुनिया में कदम रखने से हिचकिचा रहे थे। क्योंकि, उन्हें लग रहा था कि अगर वह बस कंडक्टर की नौकरी से भी हाथ धो बैठे और एक्टर भी नहीं बन पाए तो खर्च कैसे चलाएंगे। इस पर राज बहादुर ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया और मदद की भी।
रजनीकांत के साथ दोस्त राज बहादुर।
रजनीकांत को आधी वेतन भेजते थे राज बहादुर
राज मुश्किल समय में रजनीकांत का सहारा बने और फिल्म इंस्टीट्यूट में उन्हें दाखिला दिलाया। इसके बाद वह हर महीने अपनी आधी सैलेरी रजनीकांत को भेज दिया करते, ताकि वह अपनी फीस दे सकें और अपना खर्च चला सकें। उन दिनों राज बहादुर को 400 रुपये वेतन मिलती थी, लेकिन अपनी जरूरतों, इच्छाओं को परे रखते हुए उन्होंने अपने जिगरी दोस्त रजनीकांत की मदद करना चुना और उनका हीरो बनने का सपना पूरा करने में सबसे अहम भूमिका निभाई। यही वजह है कि भले ही आज रजनीकांत सुपरस्टार बन चुके हैं, लेकिन वह राज बहादुर के साथ वही रिश्ता साझा करते थे, जो एक्टर बनने से पहले करते थे। दोनों के बीच दोस्ती से भी बढ़कर भाईयों वाला रिश्ता है।
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