digital products downloads

कभी थर्राते थे बॉलीवुड के खूंखार हीरो, आज इस ‘विलेन’ की हालत देख आया फैन्स को तरस – India TV Hindi

कभी थर्राते थे बॉलीवुड के खूंखार हीरो, आज इस ‘विलेन’ की हालत देख आया फैन्स को तरस  – India TV Hindi

Image Source : INSTAGRAM
प्रेम चोपड़ा

बॉलीवुड में 80 और 90 के दशक हीरो की हेकड़ी निकालने वाले एक विलेन को देखकर फैन निराश हो गए। कभी बॉलीवुड के हीरो इस विलेन से पर्दे पर थर्राया करते थे। लेकिन अब समय का पहिया ऐसा घूमा कि शरीर से लेकर चेहरा तक अंजान सा लगने लगा। हम बात कर रहे हैं 300 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले एक्टर और मशहूर विलेन रहे प्रेम चोपड़ा की। प्रेम चोपड़ा ने बॉबी, दो अंजाने, त्रिशूल, राजा बाबू, सौतन और दोस्ताना जैसी दर्दनों फिल्मों में अपनी एक्टिंग से हीरो के छक्के छुड़ाए हैं। लेकिन हाल ही में प्रेम चोपड़ा का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें प्रेम चोपड़ा को देखकर फैन्स को उनपर तरस आने लगा। इतना ही नहीं प्रेम चोपड़ा को देख फैन्स ने ये उम्र का तकाजा भी बता दिया है। 

प्रेम चोपड़ा को देख उदास हो गए फैन्स

कभी खर्राती आवाज और खौफनाक एक्टिंग देख फैन्स दहशत से भर जाते थे। लेकिन अब प्रेम चोपड़ा की भी उम्र हो गई है। शुक्रवार को मनोज कुमार के निधन पर प्रेम चोपड़ा शामिल हुए थे। यहां पैपराजी ने अपने कैमरों में प्रेम चोपड़ा को कैद कर लिया। यहां प्रेम चोपड़ा को देख फैन्स को काफी निराशा हुई। हालांकि कुछ लोगों ने यहां तक कि उम्र का तकाजा है। प्रेम चोपड़ा का जन्म लाहौर में एक हिंदू पंजाबी परिवार में 23 सितंबर 1935 को रणबीरलाल और रूपरानी चोपड़ा के घर हुआ था। वे छह बच्चों में तीसरे थे। उनके पिता अटॉर्नी जनरल के कार्यालय में काम करते थे। उनका पालन-पोषण शिमला में हुआ। उनके पिता चाहते थे कि वे आईएएस अधिकारी बनें लेकिन चोपड़ा ने कॉलेज में प्रदर्शन कला का अध्ययन किया और पंजाब विश्वविद्यालय से कला में स्नातक किया। 1957-1961 की अवधि में शिमला में एक मजबूत थिएटर आंदोलन था और चोपड़ा ने इसका भरपूर आनंद लिया। उन्होंने बहुत सारी हिंदी और अंग्रेजी फिल्में देखीं और स्नातक होने के बाद 1960 के दशक की शुरुआत में बॉम्बे आ गए और अपनी कला की डिग्री के कारण टाइम्स ऑफ इंडिया के सर्कुलेशन विभाग में शामिल हो गए। साथ ही स्टूडियो जाते रहे और फिल्मों में ब्रेक पाने की कोशिश करते रहे।

1960 में की थी पहली फिल्म

प्रेम चोपड़ा ने 1960 में भारत भूषण अभिनीत मुड़ मुड़ के ना देख से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की, जो अच्छी नहीं चली। 1960 में उन्हें स्थापित स्टार जाबीन जलील के साथ पंजाबी फिल्म चौधरी करनैल सिंह मिली और फिल्म ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता और प्रेम को पहचान मिली। लेकिन 1964 तक उनकी पहली पंजाबी हिट फिल्मों करनैल सिंह और सपने को छोड़कर उनकी कोई ज्यादा हिट हिंदी फिल्म नहीं आई। इसके बाद 1964 में उन्होंने शहीद में सुखदेव की भूमिका निभाई, जो उनकी दुर्लभ सकारात्मक प्रमुख भूमिकाओं में से एक थी और हिट रही। 1965-67 में सिकंदर ए आजम, निशान, कुंवारी, तीसरी मंज़िल, मेरा साया और उपकार जैसी हिट फिल्मों में उनके अभिनय ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाया। तीसरी मंजिल और उपकार के बाद उन्हें खलनायक के रूप में फिल्मों की बाढ़ आ गई। प्रेम चोपड़ा ने TOI के साथ काम करना जारी रखा, जबकि वे पहले से ही 1965 में निशान, सिकंदर ए आजम और 1966 में सगाई, मेरा साया जैसी बॉक्स-ऑफ़िस हिट फिल्मों का हिस्सा थे। 1967 में उपकार के बाद उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया छोड़ दिया। 

दो रास्ते फिल्म ने जन्मा धाकड़ विलेन

खलनायक के रूप में उन्होंने सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ दो रास्ते में अभिनय करके पूरे भारत में प्रसिद्धि प्राप्त की। राजेश-प्रेम की जोड़ी ने 1969 से 1991 में घर परिवार तक 19 फिल्मों में काम किया। समीक्षकों द्वारा प्रशंसित कॉमेडी फिल्म हलचल (1971) में, इस सस्पेंस थ्रिलर में मुख्य नायक की भूमिका निभाई और खलनायक नहीं थे और प्रेम कुंवारी (1966), समाज को बदल डालो (1970) में प्रमुख व्यक्ति थे। प्रेम चोपड़ा ने 1970 के बॉक्स-ऑफिस पर हिट छोटे बजट की कॉमेडी फिल्म समाज को बदल डालो में मुख्य नायक की भूमिका निभाई और उनके साथ तमिल अभिनेत्रियां कंचना और शारदा थीं। इस 1970 की फिल्म में रफी द्वारा गाया और प्रेम चोपड़ा में चित्रित गीत- तुम अपनी सहेली को इतना बता दो कि उसे कोई प्यार करने लगा है आज भी लोकप्रिय है। हिंदी फिल्मों में खलनायक के रूप में उनका चरम काल 1967 से 1991 तक रहा उन्होंने 1999 से सकारात्मक चरित्र भूमिकाएं निभानी शुरू कर दीं और 2005 से उन्हें और अधिक सकारात्मक भूमिकाएं मिलनी शुरू हो गईं। 2005 के बाद फिल्मों में उनका स्क्रीन स्पेस कम हो गया।

इन फिल्मों में किया कमाल का काम

प्रेम चोपड़ा ने अपने करियर में 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। लेकिन इनमे से शहीद (1965), सिकंदर-ए-आजम (1965), कुंवारी (1966), उपकार (1967), दो रास्ते (1969), पूरब और पश्चिम (1970), कटी पतंग (1970), कीमत (1973), अजनबी (1974), प्रेम नगर (1974), (1975), मेहबूबा (1976), दो अनजाने (1976), जादू तोना (1977), त्याग (1977), दोस्ताना (1980), क्रांति (1981), सौतें, ऊंचे लोग (1985), फूल बने अंगारे (1991), बेवफ़ा से वफ़ा (1992) जैसी फिल्मों में खूब नाम कमाया। प्रेम ने 60 से 90 के दशक में शहीद, कुवारी, समाज को बदल डालो, हलचल, जादू तोना, प्रेम प्रतिज्ञा जैसी कुछ फिल्मों में बड़े पर्दे पर सकारात्मक भूमिकाएं निभाईं। बाद में 1999 में चोरी चोरी चुपके चुपके और कोई मिल गया, बंटी और बबली, विरुद्ध, मैंने गांधी को नहीं मारा, धमाल, रॉकेट सिंह, दिल्ली 6, डैडी कूल में उन्हें सकारात्मक भूमिका दी। 

Latest Bollywood News

Doonited Affiliated: Syndicate News Hunt

This report has been published as part of an auto-generated syndicated wire feed. Except for the headline, the content has not been modified or edited by Doonited

Source link

Uniq Art Store India

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand News Doonited
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Instagram
WhatsApp