
अभिनेत्री ने कहा कि बॉलीवुड चेहरे बेचने का व्यवसाय बन गया है।
ड्रीम गर्ल 2, गंगूबाई काठियावाड़ी और शुभ मंगल सावधान जैसी फिल्मों में अपने दमदार किरदारों के लिए मशहूर सीमा पाहवा को फिल्म इंडस्ट्री में 40 साल से ज्यादा का समय हो गया है। अब उन्होंने इस ओर संकेत दिए हैं कि वह जल्दी ही इंडस्ट्री छोड़ सकती हैं। सीमा पाहवा का मानना है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री को पुरानी सोच वाले कलाकारों की कद्र नहीं है। दिग्गज अभिनेत्री ने इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि इंडस्ट्री में क्रिएटिव लोगों की जगह और उनके लिए सम्मान कम हो चुका है। उनका मानना है कि अब इंडस्ट्री पूरी तरह से व्यावसायिक हो गई और इंडस्ट्री पर अब बड़े-बड़े बिजनेसमैन का कब्जा है।
चेहरे का व्यवसाय बन गया है बॉलीवुड
बॉलीवुड ठिकाना से बातचीत में सीमा पाहवा ने माना कि आज बॉलीवुड कहानियां बताने के बजाय चेहरे बेचने का व्यवसाय बन गया है। इसी दौरान उन्होंने ये भी खुलासा किया कि कई बार फिल्म मेकर्स उन्हें फोन करते हैं और नए कलाकारों को काम सिखाने को कहते हैं। लेकिन, वह किसी को भी काम सिखाने से इनकार कर देती हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इंडस्ट्री में ऐसे लोगों को मौका दिया जाना चाहिए जिन्हें काम आता है। इस तरह, सीमा ने खुलासा किया कि वह उन नेपो किड्स को एक्टिंग नहीं सिखाएंगी जिनमें प्रतिभा की कमी है ताकि उन्हें लॉन्च किया जा सके।
मेरे बच्चों को नहीं मिला मौका- सीमा पाहवा
बॉलीवुड ठिकाना से बात करते हुए सीमा ने खुलासा किया कि एक्टिंग ग्रेजुएट और थिएटर में प्रशिक्षित होने के बावजूद उनके बच्चों को बॉलीवुड में मौका नहीं मिला। सीमा ने कहा, “उन्हें लगता है कि उनका फैसला गलत है। वे कहते हैं कि हमने उन्हें जो कुछ भी सिखाया है, उसका मौजूदा सिस्टम में कोई महत्व नहीं है। उन्हें इस बात का अफसोस है कि हमने उन्हें स्टार नहीं बल्कि एक्टर बनाया… हमने उनसे और अधिक प्रशिक्षण लेने, थिएटर में और अधिक काम करने के लिए कहा और भले ही वे यह सब कर रहे हैं, लेकिन वे कहीं नहीं हैं।”
मैं नेपोटिज्म के खिलाफ नहीं- सीमा पाहवा
सीमा के अनुसार, वह नेपोटिज्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जब बात स्टारकिड्स की आती है तो इन्वेस्टमेंट में बैलेंस होना जरूरी है। उन्होंने कहा- “मैं क्यों कहूंगी कि स्टार किड्स को सिनेमा में नहीं आना चाहिए। जिस तरह से मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे आगे बढ़ें, वैसे ही दूसरों को भी ऐसी ही उम्मीदें होंगी, है न? लेकिन, ऐसे बहुत से एक्टर हैं जिन्होंने FTII या NSD से ट्रेनिंग ली है, उन्हें किसी भी फिल्म में क्यों नहीं लिया जा रहा है। मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानती हूं जो एक्टिंग में ग्रेजुएट है और थिएटर कलाकार है, जिसने ऑफर की कमी के कारण एक्टिंग और शहर छोड़ दिया।”
मुझे बहुत जल्दी इंडस्ट्री को नमस्ते कहना होगा- सीमा
सीमा पाहवा आगे कहती हैं- ‘मेरे मन में एक सवाल उठता है, शायद मैं अच्छी हूं, लेकिन इतनी अच्छी नहीं कि मुझे लीड रोल में लेकर फिल्म बनाई जाए। एक तरफ शिकायत है, लेकिन फिर एक तरफ लगता है कि मेरी कुछ सीमाएं हैं। यही वजह है कि मुझे लीड रोल में नहीं लिया गया। मैं इंडस्ट्री में उस पीक पर पहुंच चुकी हूं, जहां मुझे लगता है कि मुझे बहुत जल्दी इंडस्ट्री को नमस्ते करना होगा। बॉलीवुड इंडस्ट्री की हालत बहुत खराब हो चुकी है। क्रिएटिव लोगों की हत्या कर दी गई है और इंडस्ट्री पर व्यापारी कब्जा कर चुके हैं। वे इंडस्ट्री को अपना व्यवसायिक मानसिकता के साथ चलाना चाहते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि जिस इंडस्ट्री में हमने इतने सालों काम किया, वहां इस तरह काम किया जा सकता है।’
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