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क्या ‘ऑटो ट्यून’ से म्यूजिक इंडस्ट्री को है खतरा? शेखर रवजियानी ने दिया ये जवाब – India TV Hindi

क्या ‘ऑटो ट्यून’ से म्यूजिक इंडस्ट्री को है खतरा? शेखर रवजियानी ने दिया ये जवाब – India TV Hindi

Image Source : INDIA TV
शेखर रवजियानी

बॉलीवुड के मोस्ट फेमस सिंगर और म्यूजिक कंपोजर शेखर रवजियानी अपनी जादूई आवाज से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करते हैं। शेखर ने अपने करियर में कई हिट गाने दिए हैं। खासतौर पर अपने जोड़ीदार विशाल ददलानी के साथ मिलकर। दोनों ही इंडस्ट्री की सबसे सफल जोड़ियों में से एक हैं। ‘तुझे भुला दिया’, ‘बिन तेरे’ जैसे हिट ट्रैक्स के लिए मशहूर शेखर रवजियानी ने हाल ही इंडिया टीवी के पॉडकास्ट ‘द फिल्मी हसल’ में होस्ट अक्षय राठी संग बातचीत में म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े कई पहलुओं पर बात की। इस इंटरव्यू में शेखर कई मुद्दों पर बात की और साथ ही साथ म्यूजिक इंडस्ट्री में बढ़ते एआई और ऑटो ट्यून के चलन के बारे में भी बात की। शेखर ने ऑटो ट्यून को लेकर बात करते हुए कहा कि अब इंडस्ट्री में कई लोग ऑटोट्यून का इस्तेमाल करते हैं।

आर्ट एक इमोशन है- शेखर रवजियानी

एआई और ऑटो ट्यून, टेक और एआई के बढ़ते चलन पर बात करते हुए शेखर रवजियानी ने कहा- ‘मैंने हालिया के कुछ गाने सुने, जिनमें किशोर दा की आवाज इस्तेमाल की गई थी, जगजीत सिंह जी की आवाज इस्तेमाल की गई थी। सुनकर लगा, कि ये बहुत ही पागलपन भरा है। इसमें बिलकुल ओरिजिनल सिंगर्स की आवाज इस्तेमाल की गई थी। लेकिन, एआई कभी भी इमोशन को नहीं समझ सकता और आर्ट एक इमोशन है। एआई चीजों को आसान बना सकता है, लेकिन गाने लिख नहीं सकता, कम्पोज नहीं कर सकता। जो काम एक कलाकार कर सकता है, वो एआई कभी नहीं कर सकता। जब कोई सिंगर गाना गाता है तो वो इमोशन्स के साथ गाता है।’

कुछ कानून की आवश्यकता है

होस्ट अक्षय राठी द्वारा दिवंगत सिंगर्स की जादूई आवाज के इस्तेमाल को लेकर सवाल किए जाने पर शेखर रवजियानी ने कहा- ‘मुझे लगता है कि… हां, एक फिल्म निर्माता के रूप में आपके पास यह विकल्प है कि आप यह ये फैसला ले सकते हैं कि आपके कम्पोजिशन को वो आवाज दे, जिसे आप चाहते हैं। लेकिन, मुझे लगता है कि ऑटो ट्यून के मामले में हमें कुछ कानूनों की आवश्यकता है, क्योंकि अंत में आप जानते हैं कि ऐसा होना ही चाहिए।’

शेखर रवजियानी ने जताई चिंता

अरिजीत आगे कहते हैं- ‘कल को मेरी ही आवाज में ऐसा कोई गाना आए, जिसे मैंने कभी गाने से इनकार कर दिया था या मैं नहीं गाना चाहता तो ये मुझे अच्छा नहीं लगेगा। तो मुझे लगता है कि इसे प्रोटेक्ट करने के लिए हमें कुछ कानून की जरूरत है। लेकिन, मुझे लगता है कि कम्प्यूटर वो संतोष नहीं कर सकता जो एक सिंगर कर सकता है। क्योंकि, सिंगर के तौर पर आपको फील करना होता है, इमोशन्स को। मुझे नहीं लगता कि एआई ऐसा कर सकता है। आपको कुछ लिखने और गाने के लिए दर्द और इमोशन की जरूरत होती है।’

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