
विनोद खन्ना
एक इंसान को जिंदगी में खुशी के लिए क्या चाहिए? बेशुमार पैसा, फलक चूमती शोहरत, खूबसूरत पत्नी और प्यारा बेटा। इसके बाद भी बॉलीवुड के हैंडसम हीरो की जिंदगी दुखों से सागर में गोते लगाती रही। फिल्मी दुनिया का ये सितारा पैसा, शोहरत और परिवार के सुख से भी खुश नहीं हुआ और बेशुमार शराब में डूब गया। इसके बाद करियर के पीक पर सांसारिक सुखों का त्याग कर संन्यासी बन गया। कई महीनों तक ओशो के आश्रम में आध्यात्म और परमात्मा के साथ अंतिम सुखों की खोज में भटका ये सुपरस्टार कोई और नहीं बल्कि विनोद खन्ना थे। हाल ही में ओशो की पर्सनल असिस्टेंट रहीं मां शीला ने विनोद खन्ना की जिंदगी की सच्चाई शेयर की है। जिसमें मां शीला ने बताया कि विनोद खन्ना के पास सबकुछ था इसके बाद भी वे खुश नहीं थे। शराब की लत से जूझते हुए विनोद खन्ना अपने करियर के पीक पर ओशो के आश्रम में पहुंचे थे।
मां शीला ने बताए विनोद खन्ना के किस्से
हाल ही में दर्शन शास्त्र के बड़े गुरू रहे ओशो की पर्सनल असिस्टेंट रहीं मां शीला ने पिंकविला को इंटरव्यू दिया है। जिसमें शीला ने विनोद खन्ना और उनके संन्यास की कहानी भी बताई है। मां शीला ने बताया, ‘विनोद खन्ना अपने करियर के पीक पर संन्यास लेने आश्रम पहुंचे थे। उनके पास पैसा, शोहरत, खूबसूरत परिवार और वो सभी चीजें थीं जिसकी लोग कामना करते हैं। इसके बाद भी वे खुश नहीं रहते थे। इतना ही नहीं उनकी पत्नी से भी ज्यादा नहीं बनती थी और बेहिसाब शराब की लत में डूबे रहते थे। जब इंसान दुखी हो तो शराब उसका सहारा बन जाती है। लेकिन दुख और शराब बहुत ही बुरा कॉम्बिनेशन है और इसने हजारों परिवारों को तबाह कर दिया है। विनोद खन्ना भले ही सुपरस्टार थे लेकिन मेरे लिए वे केवल एक संन्यासी रहे हैं।’
करियर के पीक पर ले लिया था संन्यास
वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर शहर में 6 अक्टूबर 1946 को जन्मे विनोद खन्ना बंटवारे के बाद परिवार समेत भारत आ गए थे। विनोद खन्ना का परिवार टेक्सटाइल का बिजनेस करता था। बंटवारे के बाद विनोद का परिवार पहले मुंबई पहुंचा और फिर दिल्ली शिफ्ट हो गया। यहां दिल्ली में स्कूल खत्म करने के बाद विनोद खन्ना ने ग्रेजुएशन के लिए मुंबई जाने का फैसला लिया था। अपने कॉलेज के दिनों में विनोद खन्ना की दिलचस्पी फिल्मी दुनिया के लिए जागने लगी और यहीं करियर बनाने का फैसला लिया। मुंबई में एक पार्टी में विनोद खन्ना की मुलाकात सुनील दत्त से हुई थी। यहीं से उन्हें 1968 में रिलीज हुई फिल्म ‘मन का मीत’ में विलेन का किरदार निभाने का मौका मिला था। इस फिल्म के बाद विनोद खन्ना का करियर शुरू हो गया और दर्जनों सुपरहिट फिल्में देकर स्टार बन गए। अपने दौर के हैंडसम हंक हीरोज में गिने जाने वाले विनोद खन्ना ने बॉलीवुड को दर्जनों सुपरहिट फिल्में दीं और 1975 में संन्यास लेने का फैसला लिया। विनोद खन्ना ने अपने करियर के पीक पर सबकुछ छोड़कर ओशो का आश्रम ज्वाइन कर लिया था।
फिर से की फिल्मों में वापसी
संन्यास लेने के कुछ समय बाद विनोद खन्ना ने फिर से फिल्मों में वापसी की और 1980 में आई पिल्म ‘कुर्बानी’ में कमाल कर दिया। ये फिल्म साल की सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्म बन गई। इसके बाद कुछ समय का ब्रेक लेकर राजनीति में भी नाम कमाया। लेकिन फिर से फिल्मों में वापसी की और कई बेहतरीन किरदारों में अपनी चमक बिखेरी। विनोद खन्ना ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों में एक्टिंग कर खूब तारीफें बटोरीं। विनोद खन्ना के बाद उनके बेटे अक्षय खन्ना भी बॉलीवुड मे हीरो बने और दर्जनों सुपरहिट फिल्में दे चुके हैं। अक्षय खन्ना आज भी फिल्मों में नजर आते हैं और पिता की याद दिला जाते हैं। साल 2017 में विनोद खन्ना का निधन हो गया था। लेकिन उनकी फिल्मों की लंबी विरासत आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।
Doonited Affiliated: Syndicate News Hunt
This report has been published as part of an auto-generated syndicated wire feed. Except for the headline, the content has not been modified or edited by Doonited