
अमजद खान, धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन।
‘शोले’ को भारतीय सिनेमा का एक मील का पत्थर माना जाता है। यह फिल्म न सिर्फ अपने दमदार किरदारों, संवादों और भावनात्मक गहराई के लिए जानी जाती है, बल्कि इसकी कहानी में दोस्ती, प्यार और बलिदान जैसे मूल्यों की झलक भी देखने को मिलती है। अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, जया बच्चन, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और अमजद खान जैसे दिग्गज कलाकारों की अदाकारी ने इसे भारतीय दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए बसा दिया। हालांकि, चाहे फिल्म कितनी भी बेहतरीन हो, कभी-कभी कुछ छोटी-छोटी गलतियां हो ही जाती हैं। ‘शोले’ जैसी आइकॉनिक फिल्म भी इससे अछूती नहीं रही। आइए नजर डालते हैं उन कुछ दिलचस्प सिनेमाई चूकों पर जिन्हें शायद आपने पहली बार देखने में नोटिस नहीं किया होगा।
पोते का कपड़ा दोबारा कैसे लिपटा?
वह दृश्य जब ठाकुर बलदेव सिंह अपने परिवार के खून से सने घर पहुंचते हैं, बेहद भावुक होता है। वह एक सफेद कपड़ा खींचते हैं और अपने मृत पोते के चेहरे को देखते हैं। स्तब्ध होकर कपड़ा छोड़ देते हैं, जो हवा में उड़ जाता है। लेकिन अगले ही सीन में जब वह घोड़े की ओर भागते हैं, वही बच्चा फिर से सफेद कपड़े में लिपटा हुआ दिखाई देता है!
बिजली नहीं, पर टंकी चल रही है?
गांव में ठाकुर के घर को बिना बिजली के दिखाया गया है, और यह बात दर्शकों को उस समय अखरती है जब घर में एक ओवरहेड पानी की टंकी नजर आती है। ऐसी टंकी को भरने के लिए बिजली से चलने वाले मोटर की जरूरत होती है, लेकिन ठाकुर का घर रोशनी के लिए लालटेन पर निर्भर है। एक अमीर व्यक्ति का इतना बुनियादी इंतजाम न होना थोड़ा अटपटा लगता है।
पुल कब ठीक हुआ?
एक्शन से भरपूर उस सीन में जब बसंती डाकुओं से बचने के लिए लकड़ी का पुल पार कर उसे पीछे से तोड़ देती है, यह दिखाया गया कि अब कोई उसका पीछा नहीं कर सकता। वीरू और डाकू सभी को रास्ता बदलना पड़ता है। लेकिन बाद में जब जय वीरू और बसंती को बचाकर लौटता है तो तीनों उसी पुल से सुरक्षित होकर वापस आते हैं – जैसे वो कभी टूटा ही नहीं था!
गब्बर ने गोली आगे से मारी, लेकिन लगी पीछे से
गब्बर जब अपने तीन गुर्गों को गोली मारता है तो गोलियां सीधे उनके सामने चलाई जाती हैं। लेकिन बाद में जब उनके शव दिखाए जाते हैं तो एक के सिर के पीछे और दूसरे की पीठ में गोली के निशान नजर आते हैं। यानी या तो गोली घूमकर पीछे लगी या फिर एडिटिंग में कुछ गड़बड़ी हुई।
जय का सिक्का…आखिर निकला कहां से?
क्लाइमैक्स में जय वीरू की सुरक्षा के लिए खुद को खतरे में डाल देता है। उस दौरान वह दोनों हाथों में बंदूकें लिए डाकुओं से लड़ रहा होता है। जब वीरू लौटता है, तो जय घायल अवस्था में होता है और उसकी हथेलियाँ खुली दिखाई जाती हैं। लेकिन जैसे ही वीरू जय की मुट्ठी खोलता है, उसमें से ‘वही सिक्का’ निकल आता है जिससे दोनों किस्मत का फैसला करते थे। सवाल यह उठता है कि जय की खुली हथेली अचानक बंद कैसे हो गई?
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