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जब दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे अमिताभ बच्चन, दरवाजे पर खड़े रहते थे लेनदार

जब दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे अमिताभ बच्चन, दरवाजे पर खड़े रहते थे लेनदार

Image Source : INSTA/@ASHISHVIDYARTHI1/@AMITABHBACHCHAN
आशीष विद्यार्थी, अमिताभ बच्चन।

अमिताभ बच्चन ने अपने करियर में ऐसा स्टारडम देखा है जिसके ज्यादातर स्टार सिर्फ सपने ही देखते रह जाते हैं। वह  82 साल के हो चुके हैं और आज भी उनका स्टारडम कम नहीं हुआ है। आज भी उनके बंगले के बाहर उनके चाहने वालों की लाइन लगी रहती है, जो उनकी एक झलक पाने को बेताब रहते हैं। लेकिन, अपने करियर में ज्यादातर समय पर टॉप पर रहने वाले अमिताभ बच्चन अपनी जिंदगी में काफी मुश्किल दौर भी देख चुके हैं। वह ऐसे दौर से गुजर चुके हैं जब उनका सब कुछ दांव पर लगा था और वह कंगाली की कगार पर आकर खड़े हो गए थे। हाल ही में अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने अमिताभ बच्चन की जिंदगी के उस दौर के बारे में बात की, जब वह सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे थे और कर्जदार उनके दरवाजे पर खड़े रहते थे।

जब अमिताभ बच्चन ने आशीष विद्यार्थी की मां के लिए लिखी चिट्ठी

आशीष विद्यार्थी ने सिद्धार्थ कनन के साथ बातचीत में अमिताभ बच्चन के मुश्किल दिनों और उनके साथ काम करने के बारे में बात की। उन्होंने बिग बी के बारे में बात करते हुए कहा- ‘मैं कभी भी उनके साथ ‘मृत्युदाता’ में काम करने का अनुभव नहीं भूल सकता। ये उनकी कमबैक फिल्म थी। उस दौरान मेरे पिताजी काफी बूढ़े थे और मां को हार्ट अटैक आया था। मैं हर रात उनके पास रुकने के लिए दिल्ली जाता और फिर सुबह फ्लाइट से मुंबई लौटता। इसी दौरान मैंने अमिताभ जी से अनुरोध किया कि वह मेरी मां के लिए एक चिट्ठी लिख सकते हैं क्या? उन्होंने मेरा अनुरोध मान लिया और चिट्ठी लिखकर दी। मेरी मां तब हार्ट अटैक से उबर रही थीं और वेंटिलेटर पर थीं। मैंने उन्हें वह लेटर पढ़कर सुनाया।’

जब बुरे दौर से गुजर रहे थे अमिताभ बच्चन

आशीष विद्यार्थी ने बातचीत के दौरान अमिताभ बच्चन के संघर्ष के दिनों को याद किया और कहा कि कोई भी उन्हें देखकर ये नहीं कह सकता था कि वह इतने मुश्किल समय से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा- ‘मैंने उनके साथ फिर मेजर साब में काम किया। उनका अनुशासन बेजोड़ था। वह पूरी रात अपने किरदार में बैठे रहते थे। ना दाढ़ी निकालते थे और ना मूछें, सब कुछ पहनकर रखते थे। किसी को अगर कभी अपनी जिंदगी में निराशा महसूस होती है तो अमित जी सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं। लोग काम ना मिलने और पीछे छूट जाने पर शिकायत करते हैं, लेकिन उन्होंने क्या-क्या झेला है। एक सय था जब उनकी पूरे देश में पकड़ थी। उनके कुली के सेट पर घायल होने के बाद लोगों ने खाना तक नहीं खाया था। जब वह दिवालिया होने की कगार पर थे, उन्होंने उस समय का भी डंटकर सामना किया। कभी किसी के आगे किसी बात का रोना नहीं रोया।’

जब दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए थे अमिताभ बच्चन

बता दें, ये तब की बात है जब वह उनके साथ अगली फिल्म ‘मेजर साब’ (1998) की शूटिंग कर रहे थे। इसी दौरान उनकी कंपनी अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ABCL) बड़े घाटे में चल रही थी। उन दिनों अमिताभ बच्चन काफी संघर्षों से गुजर रहे थे। अमिताभ बच्चन इसे अपनी जिंदगी का सबसे बुरा समय बताते हैं। वह इस घाटे के चलते अपना बंगला भी खोने वाले थे। क्योंकि उनकी सारी प्रॉपर्टी एक साथ अटैच थी और अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने गलती से पर्सनल गारटी भी दे दी थी, जिसे वह अपना सबसे गलत फैसला मानते हैं। बिग बी ने इस बारे में कहा था- ‘हमें किसी ने अच्छे से आर्थिक सलाह नहीं दी। आश्वसन दिया गया कि कुछ नहीं होगा, इसलिए हमने निश्चिंत होकर पर्सनल गारंटी वाले पेपर साइन कर दिए थे।’

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