
रवीना टंडन।
अब सीजफायर के बाद भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर तनाव थम गया है, लेकिन डिप्लोमेटिक फ्रंट पर दोनों देशों के बीच की दूरियां और अधिक बढ़ गई हैं। इसी बीच भारतीय सेना को देश के कोने-कोने से सपोर्ट मिल रहा है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सितारे भी इस पर रिएक्ट कर रहे हैं और भारतीय सेना पर गर्व जता रहे हैं। इसी बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद सोशल मीडिया पर एक मिसाइल की तस्वीर भी तेजी से वायरल हो रही है। इस मिसाइल का कनेक्शन बॉलीवुड की सुपरस्टार एक्ट्रेस रवीना टंडन से है। इस मिसाइल पर बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन का नाम लिखा हुआ है। आखिर इस मिसाइल पर रवीना टंडन का नाम क्यों हैं, उनका भारतीय सेना से क्या लेना-देना रहा? इसके बारे में खुद रवीना टंडन ने ही खुलासा किया था, चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं।
रवीना ने खुद बयां की कहानी
अब आपको वायरल हो रही मिसाइल की तस्वीर के बारे में बताते हैं। मिसाइल पर बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन का नाम लिखा हुआ है, साथ ही एक दिल का निशान भी बना है, जिसे तीर भेद रहा है। ये कोई एडिट की गई फोटो नहीं, बल्कि 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान की ओर दागी गई असली मिसाइल की तस्वीर है। एक इंटरव्यू में दैनिक भास्कर से बात करते हुए रवीना टंडन ने खुद स्वीकार किया था कि उस वक्त एक मिसाइल पर उनका नाम लिखकर पाकिस्तान की ओर भेजा गया था। रवीना ने बताया कि जब वो सेना को सपोर्ट करने कारगिल गई थीं तो वहां मौजूद कई सैनिक उनके फैन थे। उनकी मोहब्बत और समर्थन के तौर पर एक मिसाइल पर उनका नाम और एक दिल बनाकर दागा गया।
मिसाइल की तस्वीर।
क्या था पूरा मामला
इस घटना के पीछे एक दिलचस्प और कड़वा वाकया भी जुड़ा है। जब भारत ने पाकिस्तान से कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के शव वापस मांगे तो वहां से यह अजीब प्रतिक्रिया आई। कहा जाता है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, रवीना टंडन के बहुत बड़े प्रशंसक थे और उन्हीं की ओर से मांग थी, ‘रवीना टंडन को भेजो, तब शव वापस करेंगे।’ इसी बयान के जवाब में भारतीय वायुसेना ने रवीना के नाम वाली मिसाइल दागी और उस पर लिखा गया, ‘रवीना टंडन की तरफ से नवाज शरीफ को।’
लेह के वॉर म्यूजियम में मौजूद है ये तस्वीर
रवीना ने बताया कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि वह इतिहास का एक हिस्सा बनीं। उन्होंने यह भी कहा कि गुलमर्ग और लेह के वॉर म्यूजियम में भी इस मिसाइल की तस्वीरें मौजूद हैं। हालांकि, रवीना ने यह भी स्पष्ट किया कि वह युद्ध का समर्थन नहीं करतीं। उन्होंने कहा, ‘जब देश की सुरक्षा की बात हो, तब कदम उठाना जरूरी है, लेकिन जहां तक टालना संभव हो, वहां युद्ध से बचना चाहिए। दोनों ओर के सैनिकों की कुर्बानियां एक जैसी होती हैं। उनका खून भी लाल है, बस नाम और विश्वास अलग हैं।’
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