
पुनीत इस्सर और पंकज धीर।
बीआर चोपड़ा की ऐतिहासिक टेलीविजन सीरीज ‘महाभारत’ में कर्ण पंकज धीर के निधन को आज चार दिन हो चुके हैं। 18 अक्टूबर की शाम उनके सबसे करीबी दोस्तों में शुमार पुनीत इस्सर ने हाल ही में अपने दोस्त को याद किया और एक सोशल मीडियो पोस्ट के जरिए भावुक श्रद्धांजलि पेश की। दोनों कलाकारों की दोस्ती चार दशकों से भी अधिक समय तक चली और उनके रिश्ते की गहराई को पुनीत इस्सर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बेहद भावुक शब्दों में बयां किया। बता दें, 15 अक्टूबर को 68 वर्ष की आयु में कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद पंकज धीर का निधन हो गया। उनके निधन ने टीवी और फिल्म जगत और उनके परिवार के साथ-साथ उनके करीबी दोस्तों को भी गहरे शोक में डाल दिया।
पुनीत ने किया भावुक पोस्ट
पुनीत इस्सर ने भावुक पोस्ट में लिखा, ‘आखिरकार अब मुझे एहसास होने लगा है। मेरा सबसे अच्छा दोस्त। मेरा भाई। अब नहीं रहा। यह वाकई सबके लिए बहुत बड़ी क्षति है… उसके परिवार के लिए… फिल्म जगत के लिए… उसके प्रशंसकों के लिए…मेरे लिए भी यह बहुत बड़ी क्षति है। निजी तौर पर हमारा रिश्ता बहुत खास था। हम एक ऐसी इंडस्ट्री में काम करते हैं जहां दोस्ती सिर्फ प्रोजेक्ट के हिसाब से होती है। हमारे ज्यादातर दुश्मन तो हमेशा के लिए होते हैं, लेकिन दोस्त भी कुछ समय के लिए ही होते हैं। लेकिन पंकज और मेरे बीच दोस्ती का एक अटूट बंधन था जो 40 से भी ज्यादा सालों तक चला। बहुत कम लोग होते हैं जिनके पारिवारिक मूल्य, काम करने का तरीका, जिंदगी के प्रति नजरिया… आपके जैसा होता है… कि आप सेट के बाहर भी बातचीत कर सकें। पंकज और मेरे बीच ऐसा ही था… मेरे और पंकज के मामले में…हकीकत ने पर्दे पर निभाए गए हमारे किरदारों की नकल की…करण और दुर्योधन की तरह, हम सबसे अच्छे दोस्त थे। हमारा रिश्ता भाइयों से भी ज्यादा मजबूत था। हम एक-दूसरे का साथ देते थे।’
यहां देखें पोस्ट
दोहराई गई महाभारत की पंक्ति
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘हमने जो सफर साझा किया… वो सच्चे इंसानों जैसा था… सीधा-सादा… ईमानदार… सीधी बात… असली… सच को सच कहने वाला… और किसी के आगे झुकने वाला नहीं… उनकी विरासत उनके बेटे निकितिन, उनकी पत्नी नीता, बेटी नितिका, उनके जीवनसाथी और पोते-पोतियों में जिंदा है। सचमुच एक बेहतरीन जिंदगी। पंकज जिंदादिली, ऊर्जा, हास्य और बुद्धि से भरपूर थे। अंत में एक पंक्ति उद्धृत करूंगा जो दुर्योधन महाभारत में कर्ण का दाह संस्कार करते समय कहता है, ‘मेरे मित्र…मेरे भाई..मेरे जीवन आधार…तेरे प्रेम, तेरी निष्ठा को वंदन मेरा बारम बार…अरे करण… तेरा यश चमकेगा जग में… हे मित्रा… करोरों सूर्य समान…तुम नक्षत्र मित्रता के बन कर, चराचर ब्रम्हाद् में चमकोगे यश की अंतिम रश्मी बन कर, रश्मीरथी तुम दमकोगे…हे रश्मीरथी…तुम दमको गे…!!!”
पंकज धीर का जाना बड़ी क्षति
पुनीत ने यह भी कहा कि पंकज धीर की विरासत उनके परिवार में जीवित है। उनके बेटे निकितिन धीर, पत्नी नीता, बेटी नितिका और उनके नाती-पोते उनकी यादों को संजोते रहेंगे। पंकज धीर का जाना सिर्फ एक कलाकार की विदाई नहीं है, बल्कि एक ऐसे दोस्त, सहयोगी और प्रेरणास्रोत की कमी है जो कई लोगों के जीवन में उजाला लेकर आए। उनकी यादें और उनके निभाए किरदार सदा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगे।
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