
नीना गुप्ता और संजय मिश्रा।
साल 2022 में रिलीज हुई ‘वध’ एक अनोखी थ्रिलर थी, जिसने अपनी दमदार कहानी और संजय मिश्रा व नीना गुप्ता की शानदार परफॉर्मेंस से दर्शकों को बांधकर रखा। अब दिलचस्प बात यह है कि प्रोड्यूसर्स लव रंजन और अंकुर गर्ग की लव फिल्म्स ने इस फिल्म के सीक्वल ‘वध 2’ की घोषणा कर दी है। इस बार भी कहानी में रोमांच बरकरार रहेगा और संजय मिश्रा व नीना गुप्ता एक बार फिर अपनी जबरदस्त अदाकारी से दर्शकों को चौंकाने के लिए तैयार हैं। फिल्म की घोषणा के साथ स्टारकास्ट प्रयागराज पहुंच गई है। इसकी झलकियां भी अब सामने आ गई हैं।
संगम में लगाई डुबकी
एक भव्य और आध्यात्मिक माहौल में ‘वध 2’ की टीम – संजय मिश्रा, नीना गुप्ता, डायरेक्टर जसपाल सिंह संधू और प्रोड्यूसर अंकुर गर्ग ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शिरकत की। फिल्म की सफलता और सकारात्मक ऊर्जा के लिए उन्होंने संगम घाट पर पवित्र स्नान किया और अक्षय वट मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। इस आध्यात्मिक यात्रा ने न सिर्फ फिल्म से जुड़ी टीम को आस्था से जोड़ा, बल्कि ‘वध 2’ की जड़ें भी एक गहरे आध्यात्मिक आधार से जुड़ गईं। संजय मिश्रा, जो इस बार कुंभ में यूपी पुलिस के साइबर बाबा बने हैं, हाल ही में अपनी टीम के साथ आशीर्वाद लेने पहुंचे। उनका मकसद साफ है कि श्रद्धालुओं को साइबर ठगी और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना। ये उनके लिए बस एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक नई शुरुआत थी।
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लोगों का रिएक्शन
नीनी गुप्ता और संजय मिश्रा का सादगी भरा अंदाज देखने को मिला। जहां नीना गुप्ता फ्लोरल सलवार सूट में नजर आईं, वहीं संजय मिश्रा ने भगवा धोती के साथ कई रुद्राक्ष की मालाएं कैरी की। दोनों की सादगी पर फैंस का दिल आ गया है और अब इन्हें काफी सहज और सरल बता रहे हैं। एक शख्स ने लिखा, ‘नीना जी कितनी सिंपल हैं और संजय की तो बात ही निराली है।’ वहीं एक और शख्स ने लिखा, ‘संजय का स्वैग देखने लायक है।’
फिल्म से जुड़ी जानकारी
बता दें, ‘वध 2’ का निर्देशन जसपाल सिंह संधू कर रहे हैं, और ये फिल्म पहले पार्ट की तरह ही कहानी और एक्टिंग को और भी दमदार बनाने की कोशिश करेगी, जो पहले वाली फिल्म को दर्शकों का फेवरेट बना गई थी। महाकुंभ की जो ऊर्जा थी, उसने फिल्म की टीम को एक तरह से दिव्य प्रेरणा दी और इसने फिल्म के निर्माण के लिए एक जबरदस्त माहौल बना दिया। ऐसे में इस समय फिल्म की शूटिंग भोपाल, मुंबई और मनाली में चल रही है। दिलचस्प बात ये है कि ‘वध’ शब्द खुद में हिंदू पुराणों की उस भावना को समाहित करता है, जिसमें देवता राक्षसों को हराते हैं, जो बुराई का सही तरीके से अंत दर्शाता है, न कि हत्या।
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