
मनीषा कोइराला।
बॉलीवुड में ऐसे बहुत कम सितारे हैं जो अपने रिश्तों की सच्चाई दुनिया के सामने बिना लाग-लपेट के रखते हैं और जब वो रिश्ते सफल न हों, तब तो और भी मुश्किल हो जाता है। कई सेलेब्स ऐसी परिस्थितियों में चुप्पी साध लेते हैं या फिर गुमनामी की राह चुन लेते हैं। लेकिन एक हसीना ऐसी रही, जो नेपाल के शाही परिवार से इंडस्ट्री में आई, नंबर 1 हीरोइन बनी औ घर बसाने के लिए इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। शादी के ज्यादा नहीं चली और तलाक होते ही उसकी दुनिया बिखर गई। ये एक्ट्रेस कोई और नहीं मनीषा कोइराला जो सबसे अलग हैं। 90 के दशक की सबसे प्रतिभाशाली और खूबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार रहीं मनीषा ने शादी, तलाक, कैंसर और वापसी, हर मोड़ पर बेहद खुलकर, ईमानदारी से अपनी जिंदगी को जिया है।
फिल्मों से बनाई पहचान, फिर ली दूरी
‘सौदागर’, ‘1942: ए लव स्टोरी’, ‘अकेले हम अकेले तुम’, ‘गुप्त’, ‘बॉम्बे’ और ‘खामोशी’ जैसी शानदार फिल्मों में अपने अभिनय से मनीषा कोइराला ने दर्शकों का दिल जीत लिया। लेकिन शादी के बाद उन्होंने सिनेमा से दूरी बना ली। उनकी जिंदगी ने एक और कठिन मोड़ तब लिया जब उन्हें 2012 में कैंसर का पता चला। मनीषा की शादी नेपाली बिजनेसमैन सम्राट दहल से 2010 में हुई थी। दिलचस्प बात यह है कि दोनों की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। दोनों ने पारंपरिक नेपाली रीति-रिवाजों से शादी की, लेकिन यह रिश्ता ज़्यादा समय तक नहीं टिक सका। 2012 में उनका तलाक हो गया। इसी साल मनीषा की जिंदगी में एक और तूफान आया ओवेरियन कैंसर का। इसके इलाज के लिए वह न्यूयॉर्क चली गईं।
कैंसर से जंग और जीवन का बदला नजरिया
कैंसर से लड़ाई ने मनीषा को रिश्तों की सच्चाई का सबसे कड़वा पाठ सिखाया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि इलाज के समय उन्हें एहसास हुआ कि जिन दोस्तों के साथ उन्होंने जीवन के खुशहाल पल बिताए, उनमें से बहुतों ने उनका साथ छोड़ दिया। सिर्फ उनके माता-पिता, भाई और भाभी ही उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा, ‘मैंने सोचा था मेरे बहुत सारे दोस्त हैं। लेकिन जब मैंने सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की, तब मैं अकेली थी। लोगों को दूसरों के दर्द में साथ बैठना नहीं आता। हम दर्द से दूर भागने की कोशिश करते हैं।’ इस अनुभव ने उन्हें थेरेपी लेने के लिए प्रेरित किया, जिससे उन्हें मानसिक रूप से बहुत सहारा मिला।
परिवार ही सच्चा सहारा
अपने एक इंटरव्यू में मनीषा ने बताया, ‘मैं कोइराला परिवार से आती हूं, जो काफी संपन्न है। लेकिन उस मुश्किल वक्त में कोई भी मेरे पास नहीं आया, न कोई रिश्तेदार, न कोई दूर के चचेरे भाई-बहन। सिर्फ मेरे माता-पिता, भाई और उसकी पत्नी मेरे साथ थे। उस दौर ने मुझे सिखा दिया कि ज़िंदगी में सबसे पहले मेरी क्लोज फैमिली आती है, बाकी सब बाद में।’ कैंसर से पूरी तरह उबरने के बाद 2015 में मनीषा ने घोषणा की कि वह अब स्वस्थ हैं और अपने करियर को दोबारा शुरू करेंगी। इसके बाद उन्होंने कुछ फिल्मों में दमदार भूमिकाएं निभाईं। लेकिन असली कमबैक उन्हें मिला नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘हीरामंडी’ से, जिसमें उनके किरदार की बहुत सराहना हुई।
मनीषा कोइराला का परिवार
मनीषा कोइराला न सिर्फ बॉलीवुड की एक जानी-मानी अभिनेत्री हैं, बल्कि वे नेपाल के एक बेहद प्रभावशाली राजनीतिक और रॉयल परिवार से भी संबंध रखती हैं। उनका जन्म 1970 में नेपाल के विराटनगर में हुआ था। उनके परिवार की कई पीढ़ियाँ नेपाल की राजनीति में शीर्ष पदों पर रह चुकी हैं। बिश्वेश्वर प्रसाद कोइराला (बी.पी. कोइराला), मनीषा के दादा, जो नेपाल के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री थे। वे नेपाल के लोकतंत्र और आधुनिक राजनीति के स्थापक माने जाते हैं। गिरिजा प्रसाद कोइराला और मातृका प्रसाद कोइराला, मनीषा के परदादा, जो दोनों नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। इस तरह, कोइराला परिवार नेपाल के इतिहास में सबसे अधिक प्रधानमंत्री देने वाला परिवार रहा है। प्रकाश कोइराला, मनीषा के पिता, एक सक्रिय राजनीतिज्ञ और नेपाल सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वे नेपाल की प्रतिनिधि सभा के सदस्य भी रह चुके हैं। सिद्धार्थ कोइराला, मनीषा के भाई, जिन्होंने भी कुछ समय के लिए बॉलीवुड में अभिनय किया।
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