
अंशुला कपूर
बॉलीवुड के सुपरहिट प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने अपनी पहली पत्नी मोना को तलाक देकर अपने समय की हिट हीरोइन श्रीदेवी से शादी की थी। बोनी कपूर की पहली पत्नी से 2 बच्चे हुए जिनमें उनके बेटे अर्जुन कपूर आज बॉलीवुड स्टार हैं। इसके साथ ही बोनी कपूर की पहली बेटी अंशुला कपूर भी पहली शादी से हुई थीं। हाल ही में अंशुला कपूर ने अपने पेरेंट्स के तलाक को लेकर खुलकर बात की है। जिसमें उन्होंने बताया कि जब वे महज 6 साल की थीं जब उनके पेरेंट्स का तलाक हुआ था। इसके बाद उनपर क्या बीती इसका अनुभव शेयर किया है। अमेज़न प्राइम वीडियो के रियलिटी शो ‘द ट्रेटर्स’ में नजर आने के बाद अंशुला ने पिंकविला को दिए इंटरव्यू में कई अहम खुलासे किए हैं।
अंशुला ने खुलासा किया कि कैसे एक मासूम बच्ची के तौर पर उन्होंने अपने माता-पिता के टूटते रिश्ते का दोष खुद पर ले लिया था। ‘जब मैं 6 साल की थी, मुझे लगा शायद मेरी वजह से मम्मी-पापा अलग हो गए।’ पिंकविला से बातचीत में अंशुला ने बताया कि जब उनके माता-पिता बोनी कपूर और मोना शौरी का तलाक हुआ, तब वह महज़ 6 साल की थीं। उस उम्र में, जब जिंदगी खिलौनों और कहानियों में सिमटी होती है, अंशुला एक ऐसी भावनात्मक उथल-पुथल से गुजरीं जिसे शब्दों में बयां करना आसान नहीं है। अंशुला ने बताया कि ‘जब मैं बहुत छोटी थी, मुझे लगता था कि मम्मी-पापा की जिंदगी अच्छी चल रही थी और फिर मैं आई और सब बदल गया। मुझे लगता था कि शायद मैं कोई अच्छी बेटी नहीं हूं, और इसलिए उनके रिश्ते में दरार आई।’
जाह्नवी के जन्म का भी सुनाया किस्सा
इस सोच ने तब और गहराई पकड़ ली जब 1997 में जाह्नवी कपूर का जन्म हुआ। जाह्नवी, बोनी कपूर और उनकी दूसरी पत्नी श्रीदेवी की बेटी हैं। अंशुला ने स्वीकार किया कि उस समय उनके मन में यह ख्याल आया कि शायद जाह्नवी का जन्म एक सही चीज़ का प्रतीक था, जबकि वे खुद ‘कुछ गड़बड़’ थीं। ‘मैं जानती हूं कि यह भयानक लगता है, लेकिन जब जानू (जाह्नवी) का जन्म हुआ, तब मुझे और पक्का यकीन हो गया कि शायद मुझमें ही कुछ कमी है।’
खुद को जिम्मेदार ठहराती रहीं अंशुला कपूर
हालांकि उनके माता-पिता ने उन्हें कई बार भरोसा दिलाया कि उनके बीच का अलगाव किसी भी तरह से अंशुला या उनके भाई अर्जुन कपूर की वजह से नहीं था, लेकिन बच्चे के मन में बैठे अपराधबोध को मिटाना आसान नहीं होता। अंशुला ने बताया, ‘अब जब मैं बड़ी हो गई हूं, मैं जानती हूं कि यह मेरी गलती नहीं थी। लेकिन उस उम्र में, जब आप समझ नहीं पाते कि रिश्ते कैसे बदलते हैं, तो आप खुद को ही जिम्मेदार ठहराने लगते हैं। यह मेरे मन का एक बोझ था जो मैंने सालों तक ढोया।’ अंशुला ने इस बात पर भी रोशनी डाली कि शायद ये ख्याल किसी बात से उपजे थे जो उन्होंने बचपन में अनजाने में सुन ली होगी। ‘शायद मैंने किसी आंटी या किसी रिश्तेदार की बातचीत का टुकड़ा सुन लिया हो। हो सकता है कि कोई वाक्य अधूरा सुना हो और मेरे दिमाग ने उससे एक पूरी कहानी बना ली हो। बचपन में हमारे मन कितनी कहानियां गढ़ लेते हैं, यह कोई नहीं समझ सकता।’
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