
सलमान खान के साथ राधिका चौधरी।
साल 2002 में रिलीज हुई सलमान खान की यादगार फिल्म ‘तेरे नाम’ ने दर्शकों के मन में गहरा असर छोड़ा। इसके आखिरी सीन में एक छोटा-सा किरदार नजर आया, एक चुप, टूटी-सी दिखने वाली महिला भिखारी, जिसने बिना संवाद के भी भावनाओं की गहरी छाप छोड़ी। यह भूमिका राधिका चौधरी ने निभाई थी। स्क्रीन टाइम भले ही कम रहा हो, लेकिन सलमान खान के किरदार राधे के साथ उनका मौन संवाद आज भी कई दर्शकों को याद है। लोगों को एक्ट्रेस की एक्टिंग भा गई थी।
एक्टिंग से दूसरी राह की ओर
‘तेरे नाम’ के बाद राधिका ने बॉलीवुड की चमक-दमक से दूरी बना ली और अपने करियर को नई दिशा देने का फैसला किया। 2004 तक वे दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में सक्रिय रहीं और तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों में काम किया। इसके बाद उन्होंने छह साल का लंबा ब्रेक लिया, और इसी दौरान उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव शुरू हुआ। अभिनय से हटकर राधिका लॉस एंजिल्स चली गईं, जहां उन्होंने निर्देशन और निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा।
लॉस एंजिल्स में नई शुरुआत
2010 में उन्होंने अपनी पहली शॉर्ट फिल्म ऑरेंज ब्लॉसम डायरेक्ट की। यह फिल्म एक अकेली मां की भावनाओं और गलत भरोसे की कीमत को दर्शाती है। खास बात यह रही कि फिल्म सिर्फ चार दिनों में शूट की गई, फिर भी इसे लास वेगस फिल्म फेस्टिवल में सिल्वर एस अवॉर्ड मिला। इसमें उषा कोकाटे, जेफ डूसेट और जॉन पॉल ओवरियर ने अभिनय किया।
बड़े प्रोजेक्ट से भी जुड़ाव
राधिका का कैमरे के पीछे का सफर यहीं नहीं थमा। 2022 में वे आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा में एग्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर के रूप में जुड़ीं। भले ही वह सुर्खियों में नहीं रहीं, लेकिन फिल्म की निर्माण प्रक्रिया में उनकी भूमिका अहम थी। आज राधिका चौधरी ग्लैमर से दूर रहकर भी फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बना चुकी हैं। हिंदी के साथ-साथ दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम करने के बाद अब वे निर्देशन और निर्माण में सक्रिय हैं। इंस्टाग्राम पर वे अपने जीवन से जुड़े पल भी साझा करती रहती हैं।
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