
रूश सिंधु
मिस इंडिया इंटरनेशनल 2025 का प्रतिष्ठित खिताब जीतने के बाद नागपुर में जन्मी रूश सिंधु का डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत किया गया। जहां पारंपरिक ढोल-नगाड़ों, फूलों की मालाओं और सैकड़ों समर्थकों के जयकारों के साथ उनका स्वागत किया गया। रूश इस नवंबर में जापान में आयोजित होने वाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सौंदर्य प्रतियोगिता, मिस इंटरनेशनल 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। यह प्रतिष्ठित खिताब इससे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि ने जीता था, जिससे रूश का सफर और भी प्रेरणादायक हो गया है।
नागपुर में हुआ भव्य स्वागत
रूश के आगमन के बाद नागपुर प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जहां रूश सिंधु ने मिस यूनिवर्स इंडिया के मानद निदेशक निखिल आनंद के साथ मीडिया को संबोधित किया। राजनगर, नागपुर में जन्मी और पली-बढ़ी रूश, आर्किटेक्ट परशन सिंह की बेटी हैं। नागपुर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने दिल्ली में मॉडलिंग के अपने जुनून को आगे बढ़ाया और जल्द ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रनवे पर प्रसिद्धि हासिल की। वह आत्म-चिंतन और भावनात्मक उपचार पर केंद्रित एक प्रेरणादायक पुस्तक, यूनिवर्स विदिन पीस की लेखिका भी हैं। मनोविज्ञान में छह साल से अधिक के अकादमिक प्रशिक्षण और यूके से मानसिक स्वास्थ्य में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्रों के साथ, रूश ने गैर-सरकारी संगठन मोरालाइज मेंटल हेल्थ एसोसिएशन की स्थापना की।
सामाजिक कामों में भी लेती हैं हिस्सा
इस पहल के माध्यम से, उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त चिंता मूल्यांकन, सहायता समूह सत्र और जागरूकता व्याख्यान आयोजित करके मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है। उनके प्रयासों ने उन्हें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में उनके योगदान के लिए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ से मान्यता दिलाई। रूश ने मनोरंजन जगत में अपनी यात्रा चार साल की उम्र में एक टीवी विज्ञापन से शुरू की, बाद में रनवे पर कदम रखा और बचपन में ही अपनी पहली सौंदर्य प्रतियोगिता जीती। नागपुर में मीडिया से भावुक होकर उन्होंने कहा, ‘ताज जीतने के बाद मैं पहली बार अपने गृहनगर लौटी हूं, और यह मेरे जीवन का सबसे भावुक और खूबसूरत पल है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और एक सपने के सच होने जैसा भी। यह तो बस शुरुआत है और मैं अपने माता-पिता और देश को गौरवान्वित करने के लिए कड़ी मेहनत करती रहूंगी।’ उन्होंने भारत और दुनिया भर से मिले अपार प्यार और समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया और जीत के बाद परिवार से मिले अपने पुनर्मिलन को एक बहुत ही खास और अविस्मरणीय पल बताया।
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