
पिता के साथ निम्रत कौर।
बॉलीवुड में एक हसीना ऐसी है, जिसने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। वो बड़े पर्दे से लेकर ओटीटी की दुनिया में कई शानदार फिल्मों में दमदार प्रदर्शन कर चुकी है। ये 43 साल की उम्र में भी सिंगल हसीना ने अपने दम पर इंडस्ट्री में अपनी अलग जगह बनाई है। फिल्मों में इन्हें देखना लोग काफी पसंद करते हैं और ये सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। इस एक्ट्रेस का कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं बल्कि आर्मी बैकग्राउंड है। एक्ट्रेस के पिता भारतीय सेना में मेजर के पद पर पोस्टेड रहे। कश्मीर में पोस्टिंग के दौरान एक्ट्रेस के पिता को हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के आतंकियों ने मार दिया था। एक्ट्रेस उस वक्त सिर्फ 12 साल की थीं। ये एक्ट्रेस कोई और नहीं बल्कि निम्रत कौर हैं।
एक्ट्रेस ने सुनाई थी पिता की दर्द भरी दास्तां
ईटाइम्स के साथ एक पुराने इंटरव्यू में निम्रत कौर ने अपने पिता मेजर भूपेंद्र सिंह के बारे में बात की, जो 44 साल की उम्र में वीरगति को प्राप्त हो गए। अभिनेत्री ने कहा कि उनके पिता एक युवा मेजर थे। उन्होंने आगे बताया कि उनके पिता एक इंजीनियर थे और वेरीनाग में तैनात थे। निम्रत ने खुलासा किया कि चूंकि कश्मीर एक वॉर फील्ड था और वहां जवान अपने परिवार को साथ नहीं रख सकते थे तो ऐसे में उनके पिता वहां अकेले ही शिफ्ट हुए और वो अपने परिवार के साथ पटियाला में रह रही थीं। जब उनके जीवन में ये बड़ा हादसा हुआ तो वो सिर्फ 12 साल की थीं। एक्ट्रेस पर क्या बीती ये उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में साझा किया है।
इस जगह पोस्टेड थे एक्ट्रेस के पिता
निम्रत कौर के इस इंटरव्यू में कहा, ‘वह एक युवा आर्मी मेजर थे, एक इंजीनियर जो वेरीनाग नामक जगह पर सेना की सीमा क्षेत्र पर तैनात थे (अगर आप जम्मू से श्रीनगर जाते हैं, तो रास्ते में जवाहर सुरंग नामक एक सुरंग आती है। और उसके बाद पहली घाटी वेरीनाग ही है)। कश्मीर एक ऐसी जगह थी जहां फैजी अपने परिवार को साथ नहीं रख सकते थे। इसलिए जब वे कश्मीर गए, तो हम पटियाला में ही रहे थे।’ इंटरव्यू में आगे बढ़ते हुए निम्रत ने खुलासा किया कि वे जनवरी 1994 में कश्मीर में पोस्ट हुए थे। उन पर हमला तब हुआ जब वो अपने कार्यालय पर थे।
आतंकियों ने किया था किडनैप
निम्रत ने कहा कि उनके पिता को एक हफ्ते के लिए किडनैप कर लिया गया था, जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था। आतंकवादियों ने निम्रत के पिता से कुछ अस्वीकार्य मांग की, जो कुछ और आतंकवादियों की रिहाई थी, तत्कालीन मेजर ने इसे स्विकार नहीं किया। इसी का नतीजा ये रहा कि 44 साल की उम्र में उनकी हत्या कर दी गई। अभिनेत्री ने खुलासा किया कि जब उन्हें अपने पिता के अपहरण की खबर मिली, तब तक उनके शव को दिल्ली लाया जा चुका था। इसके बाद ही उन्हें पिता का चेहरा देखना नसीब हुआ।
निम्रत ने सुनाई आपबीती
निम्रत कौर ने कहा, ‘जनवरी 1994 में हम अपनी सर्दी की छुट्टियों पर थे और इस घटना से पहले हम कश्मीर में अपने पिता से मिलने गए थे। कुछ ही दिनों बाद हिज्ब-उल-मुजाहिदीन ने उन्हें उनके कार्यस्थल से अगवा कर लिया और सात दिनों के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने कुछ आतंकवादियों से रिहाई के लिए कुछ हास्यास्पद मांगें रखीं, जिन्हें उन्होंने जाहिर तौर पर स्वीकार नहीं किया। उनकी मृत्यु के समय उनकी उम्र सिर्फ 44 वर्ष थी। हमें खबर मिली और हम उनके शव को लेकर दिल्ली वापस आए और मैंने पहली बार उनका शव दिल्ली में ही देखा।’
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