
सावित्री और रेखा।
साउथ सिनेमा की एक हसीना ऐसी थी जिसकी न केवल प्रतिभा के लोग मुरीद थे, बल्कि इनकी सुंदरता के भी लोग कायल थे। छोटी सी उम्र में ही इन्होंने फिल्मों में काम शुरू कर दिया था और देखते ही देखते ये शोहरत में डूब गई थीं। कम उम्र में ही ये लोगों की चहेती बन गई और लोग इन्हें लेडी सुपरस्टार कहने लगे। कई जगह लोग उन्हें देवी की तरह पूजते थे। फिर इन्हें चार बच्चों के पिता से प्यार हुआ और यहीं से जिंदगी बदलनी शुरू हुई। शादी के बाद पति ही इनका दुश्मन बन गया। करोड़ों की प्रॉपर्टी पर पति की नजर थी और शराब की लत भी पति ने ही लगाई। ये एक्ट्रेस कोई और नहीं बल्कि सावित्री थीं।
बन गई थीं सुपरस्टार
सावित्री बॉलीवुड सुपरस्टार रेखा की सौतेली मां थी। सावित्री की शादी रेखा के पिता जेमिनी गणेशन से हुई थी। वह प्रसिद्धि और सफलता की अविश्वसनीय ऊंचाइयों पर पहुंच गई। गौर करने वाली बात ये है कि उस दौर में उनके पास 100 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। वैसे फलक से जमीन पर आने में उन्हें ये करोड़ों की संपत्ति भी नहीं बचा पाई। उनके जीवन में एक दुखद मोड़ आया और चमचमाती तकदीर बदल गई। ऐसा कहा जाता है कि उनके पति ने उनके पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वही उनको तबाह करने में सहसे आगे रहे।
गुपचुप की थी शादी
एक गरीब परिवार में जन्मी सावित्री ने अपनी प्रतिभा के बल पर अपार धन और प्रसिद्धि हासिल की। हालांकि एक शानदार करियर के बीच में शादी करने का उनका फैसला उनके जीवन पर भारी पड़ा। सावित्री ने रेखा के पिता जेमिनी गणेशन से गुपचुप तरीके से शादी कर ली और ये दो बच्चों के माता-पिता बने। वह पहली बार उनसे एक स्टूडियो में मिली थीं, जहां वह एक फिल्म के ऑडिशन के लिए गई थीं। इसी दौरान सावित्री को उनसे प्यार हो गया था। उनकी शादी की खबर तब सामने आई जब सावित्री ने एक फिल्म साइन की और पहली बार गणेशन नाम का इस्तेमाल किया।
पति ने किया लाचार और बेबस
सावित्री की फिल्म ‘माया बाजार’ (1958) ने उन्हें पहचान और प्रशंसा दिलाई। वास्तव में फिल्म की सफलता के बाद लोग उन्हें देवी की तरह पूजने लगे। कथित तौर पर उनके पति के लिए उनकी बढ़ती प्रसिद्धि को स्वीकार करना मुश्किल हो गया। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने उनके करियर को बर्बाद करने, उन्हें शराब की लत लगाने और उन्हें विनाशकारी रास्ते पर ले जाने में भूमिका निभाई। समय के साथ वह शराब की आदी हो गईं, जिसने उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। वह आर्थिक रूप से संघर्ष करती रहीं, वास्तव में कई वर्षों तक टैक्स का भुगतान करने में विफल रहीं और अंत में सरकार ने उनकी संपत्ति जब्त कर ली। 1980 के दशक में वह कोमा में चली गईं और 19 महीने बाद दुखद रूप से उनका निधन हो गया।
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