
अनीत पड्डा और अहान पांडे।
‘सैयारा’ फिल्म की धूम देखने को मिल रही है। फिल्म को लेकर लोगों की दीवानगी अलग लेवल पर है। फिल्म की एंडिंग को लेकर भी काफी क्रेज है। ऐसे में जानें फिल्म के अंत में क्या होता है। क्या फिल्म की लीड हीरोइन और हीरो की मौत होगी या कहानी में कोई नया ट्विस्ट आएगा। मोहित सूरी की ताजा पेशकश ‘सैय्यारा’ इन दिनों पूरे देश में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। बॉलीवुड की इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म ने दर्शकों के दिलों को जितना छुआ है, उतनी ही जोरदार कमाई भी की है। फिल्म में दो नए कलाकार, अहान पांडे और अनीत पड्डा ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं और अपनी दमदार अदाकारी से सबको चौंका दिया है।
बॉक्स ऑफिस पर सफलता की नई कहानी
‘सैय्यारा’ ने अपनी रिलीज़ के महज 6 दिन के भीतर 100 करोड़ रुपये की कमाई कर ली थी, और अब तक यह आंकड़ा 145.09 करोड़ तक पहुँच चुका है। युवा दर्शकों में फिल्म को लेकर जबरदस्त दीवानगी देखी जा रही है—थियेटरों में रोते, चीखते, और कभी-कभी तो बेहोश होते प्रशंसक इसकी लोकप्रियता का सबूत हैं।
फिल्म की कहानी: दो टूटे दिल, एक अधूरी याद
फिल्म की शुरुआत एक तूफानी किरदार कृष कपूर से होती है, जिसे अहान पांडे ने निभाया है-एक गुस्सैल, अकेला, लेकिन बेहद टैलेंटेड सिंगर। वहीं दूसरी ओर है वाणी बत्रा (अनीत पड्डा), एक संवेदनशील पत्रकार जो कविताएं लिखती है और जिसने हाल ही में अपने मंगेतर द्वारा शादी के दिन छोड़े जाने का गहरा घाव झेला है। कृष और वाणी की मुलाकात एक मीडिया कंपनी के प्रोजेक्ट के दौरान होती है, जहां कृष, वाणी की लिखी कविताओं को पढ़कर हैरान रह जाता है। वह उसे अपने नए गाने के लिए बोल लिखने को कहता है। इसी रचनात्मक सहयोग के दौरान दोनों के बीच धीरे-धीरे एक गहरा रिश्ता बनने लगता है, एक ऐसा रिश्ता जो उन्हें उनके अतीत के दर्द से निकालकर उम्मीद की ओर ले जाता है।
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सच्चा प्यार और एक कठिन मोड़
कहानी तब करवट लेती है जब वाणी को शुरुआती अल्ज़ाइमर का पता चलता है। वह अपनी बीमारी को छुपाने की कोशिश करती है, लेकिन धीरे-धीरे वह कृष को अपना भूतपूर्व मंगेतर समझने लगती है। एक दृश्य में वह कृष पर हमला भी कर देती है, जिससे टूटे हुए कृष को गहरा झटका लगता है। फिर भी, कृष हार नहीं मानता। वाणी चुपचाप एक गाना लिखती है ‘सैय्यारा’, जिसमें उसका टूटा हुआ दिल, उसकी यादें और उसका सच्चा प्यार समाया होता है। इसके बाद वह अचानक गायब हो जाती है।
क्या ‘सैय्यारा’ का अंत भावुक है या उम्मीद भरा?
‘सैय्यारा’ गाना दुनिया भर में एक इमोशनल एंथम बन जाता है। कृष हर कार्यक्रम में इसे गाकर यह उम्मीद बनाए रखता है कि कहीं वाणी भी इसे सुने और उसे याद करे। एक साल बाद, उसे वाणी का एक वायरल वीडियो मिलता है और वह तुरंत लंदन का अपना कॉन्सर्ट रद्द करके उसे खोजने निकल पड़ता है। वह उसे मनाली के एक आश्रम में ढूंढ़ निकालता है, जहां उसे वाणी का एक पत्र मिलता है जिसमें लिखा होता है, ‘मेरा न होना, तुम्हारे बड़े होने का कारण बनेगा।’ लेकिन असली मोड़ तब आता है जब वह उसे एक बेंच पर लिखते हुए पाता है। शुरुआत में वाणी उसे नहीं पहचानती, लेकिन कृष धीरे-धीरे उनकी साझा यादें ताजा करता है और आखिरकार उसकी आंखों में चमक लौट आती है। वह उसे पहचान लेती है।
एक सुखद अंत, मोहित सूरी की फिल्मों में पहली बार
फिल्म का अंत दोनों की शादी और वेम्बली स्टेडियम में कृष के परफॉर्मेंस के साथ होता है, जहां वह पूरी दुनिया के सामने अपने प्यार का इजहार करता है। मोहित सूरी, आमतौर पर ट्रैजिक लव स्टोरीज के लिए जाने जाते हैं, इस बार एक आशा भरा, संपूर्ण और दिल को सुकून देने वाला अंत लेकर आए हैं। ‘सैय्यारा’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि सच्चे प्यार, जिद, और भावनात्मक पुनरुत्थान की एक सुंदर दास्तान है, जो दर्शकों के दिल में हमेशा के लिए बस गई है।
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