
एनटीआर रामा राव
कोई व्यक्ति कितना सफल हो सकता है इसका अंदाजा साउथ सुपरस्टार रहे नंदामुरी तारक रामा राव यानी एनटी रामा राव (Nandamuri Taraka Rama Rao) की जिंदगी की कहानी बताती है। गरीब किसान के घर जन्मा एक लड़का जो कभी घर चलाने के लिए दूध बेचा करता था, फिल्मी दुनिया में आया और छा गया। इतना ही नहीं साउथ का पहला सुपरस्टार बना और आगे चलकर फिल्मी दुनिया से काफी दूर निकलकर 1 बार नहीं बल्कि 3 बार मुख्यमंत्री बना। एनटी रामा राव ने अपनी जिंदगी में फिल्मी और सियासी दोनों ही दुनिया की ऐसी विरासत खड़ी कि आज भी उनका परिवार साउथ सिनेमा पर राज करता है। इतना ही नहीं एनटी रामा राव के पोते की फिल्म ऑस्कर में भी धमाल मचा चुकी है। आज इस कहानी में हम जानते हैं एनटी रामा राव की जिंदगी के अनछुए पहलू।
किसान परिवार में हुआ जन्म
एनटी रामा राव का जन्म 28 मई 1923 को आंध्र प्रदेश के निम्माकुरु, कृष्णा जिले में हुआ था। राव के पिता के एक साधारण किसान थे। राव ने अपनी स्कूलिंग पूरी की और अपने परिवार की गरीबी मिटाने की जुगत में जुट गए। किशोर होते ही रामा राव ने दूध बेचना शुरू किया और परिवार की आर्थिक रूप से मदद की। इसके बाद रामा राव ने एक्टिंग की दुनिया में नाम कमाने का फैसला लिया। रामा राव को साल 1949 में आई फिल्म ‘माना देसम’ में काम करने का मौका मिला। इसी फिल्म के बाद शुरू हुआ सिनेमा का ये सफर लगातार जारी रहा। बतौर हीरो रामा राव ने अपनी पहली फिल्म पल्लेटूरी पिल्ला (1950) में काम किया था। पहली ही फिल्म से हिट हुए रामा राव ने शोकर (1950), पत्थला भैरवी (1951), मल्लीस्वरी (1951) और चंद्रहारम (1953) जैसी शानदार फिल्मों में अपना नाम कमाया।
पर्दे पर पहली बार निभाया कृष्ण का किरदार
रामा राव ने तेलुगु फिल्म जगत में अपनी दमदार एक्टिंग से खूब नाम कमाया। रामा राव ने मायाबाजार (1957) में पहली बार भगवान कृष्ण के रूप में एक पौराणिक भूमिका निभाई और ‘रामायण’ और ‘महाभारतम’ में अधिकांश किरदारों को पहली बार पर्दे पर उकेरा। अपने करियर में कुल 254 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले एक्टर रामा राव 80 के दशक में साउथ सिनेमा के सुपरस्टार बन गए थे। 1970 के दशक के अंत में अदावी रामुडु (1977), यामागोला (1977), वेतागाडु (1979) जैसी धमाकेदार हिट देकर ताज पहना।
एक नहीं तीन बार रहे मुख्यमंत्री
बता दें कि रामा राव उन चंद कलाकारों में शामिल हैं जिन्होंने पहले फिल्मों पर राज किया और फिर राजनीति में भी खूब कमाल दिखाया। रामा राव ने साल 1982 में तेलुगुदेशम पार्टी की स्थापना की और एक साल के भीतर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने 1993 में लक्ष्मी पार्वती से विवाह किया। 1994 में वे भारी मतों से फिर से चुने गए, लेकिन पार्टी के अंदरूनी तख्तापलट के कारण उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया। जिसके बाद 1995 में उनके दामाद चंद्रबाबू नायडू ने सत्ता संभाली। साल 1996 में उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अब उनकी सियासी और फिल्मी विरासत आज भी उनकी मौजूदगी का अहसास कराती है। रामा राव के पोते जूनियर एनटीआर की फिल्म आरआरआर ने बीते दिनों ऑस्कर में अपने गाने से धूम मचाई थी और जीत हासिल की थी।
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