digital products downloads

100 से ज्यादा जानें ले चुका है ये गाना, सालों रहा बैन, मिला ‘सबसे मनहूस सॉन्ग’ का टैग – India TV Hindi

100 से ज्यादा जानें ले चुका है ये गाना, सालों रहा बैन, मिला ‘सबसे मनहूस सॉन्ग’ का टैग – India TV Hindi

Image Source : INSTAGRAM
कई मौतों का कारण बना एक गाना

फिल्मों में गानों की अपनी खास ही जगह होती है। सेलिब्रेशन से लेकर दर्द को जाहिर करने तक के लिए सिनेमा में गानों का इस्तेमाल शुरुआत से होता आया है। गिनी-चुनी ही ऐसी फिल्में बनी हैं, जिनमें गानों का इस्तेमाल ना किया गया हो। फिल्मों की ही तरह असल जिंदगी में भी गानों का काफी महत्व देखा गया है। म्यूजिक एक थैरिपी की तरह होता है, जो सुख-दुख की घड़ी में मन हल्का करता है। गाने लोगों में एक नई एनर्जी भर देते हैं। फिर चाहे वो रोमांटिक गाना हो, देश भक्ति से भरे या फिर दुख को जाहिर करने वाले इमोशनल सॉन्ग, गाने कई बार किसी की याद दिलाते हैं तो कई बार गम को भुलाने के लिए सुने जाते हैं। लेकिन, क्या आप उस गाने के बारे में जानते हैं, जो कईयों के दुख की वजह बन गया। इस गाने को दुनिया का सबसे मनहूस गाना कहा जाता है। इस गाने के चलते 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

इस गाने को मिला है ‘सबसे मनहूस सॉन्ग’ का टैग

कहते हैं ये गाना सुनकर लोग आत्महत्या कर लेते थे। हाउस स्टफ वर्क वेबसाइट सहित कई ऑनलाइन पोर्टल्स में इस सॉन्ग का जिक्र है, जिसका नाम है ‘ग्लूमी संडे’, जिसे सबसे मनहूस सॉन्ग का टैग दिया गया है। इस गाने को लैजलो और रेज्सो सेरेस ने मिलकर साल 1933 में लिखा था और 1935 में ये रिलीज हुआ। 1933 में जब ये गाना रिलीज हुआ तो हंगरी में ससाइड के केस बढ़ गए। इसी साल एक शख्स ने इस गाने को सुनने के बाद आत्महत्या कर ली थी और अपने सुसाइड नोट में इस सॉन्ग ग्लूमी संडे का जिक्र किया था। यही नहीं, कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस गाने के कंपोजर की मंगेतर ने भी आत्महत्या कर ली थी।

ग्लूमी संडे के चलते पहले मौत

ग्लूमी संडे के लिरिक्स सुनने के बाद पहली मौत उस पब्लिशर की हुई, जिसके पास ये गाना गया था। पब्लिशर ने गाना खरीदने से तो मना कर दिया, लेकिन फिर कुछ ही समय बाद उसने आत्महत्या कर ली। 1933 में जैसे ही गाना रिलीज हुआ सुसाइड के केस आने लगे। 30 मार्च 1936 को टाइम मैग्जीन में एक रिपोर्ट छपी, जिसमें दावा किया गया कि गाना रिलीज होने के 2 साल के बीच 17-18 आत्महत्या के केस ही सामने आए, जबकि ज्यादातर मामले गाना रिलीज होने के तीन साल बाद यानी 1936 से शुरू हुए और ज्यादातर मामले हंगरी से सामने आए। 1936 में 17 लोगों ने एक-एक कर सुसाइड कर लिया और जैसे-जैसे गाना पॉपुलर हुआ सुसाइड के मामले भी बढ़ गए। जिसके बाद 24 फरवरी 1936 में लॉस एंजिल्स टाइम्स ने पहली बार इन सुसाइड्स से जुड़ा आर्टिकल पब्लिश किया।

जब इंग्लिश लिरिक्स के साथ रिलीज हुआ ग्लूमी संडे

गाने की पॉपुलैरिटी बढ़ी तो अमेरिका में इसे इंग्लिश लिरिक्स के साथ रिलीज किया गया। ये गाना 1936 में रिलीज हुआ। गाने के लिरिक्स सेम एम. लेविस ने लिखे और हल केंप ने इसे आवाज दी। जैसे ही गाना इंग्लिश में आया, इंग्लिश देशों में तेजी से पॉपुलर होने लगा और सुसाइड के मामले यहां भी बढ़ गए। जिस लड़की ने गाना लिखा था, उसनने भी आत्महत्या कर ली।

गाने के राइटर रेज्सो ने भी कर ली आत्महत्या

इसके बाद 1968 में गाने के लेखक रेज्सो ने भी सुसाइड कर लिया था। दो लोगों ने खुद को गोली मार ली तो एक महिला ने गाना सुनने के बाद पानी में छलांग लगा दी और अपनी जान दे दी। ऐसी कहानियों के आने का दौर शुरू हुआ और लगातार ऐसी खबरें आती रहीं, जिसके बाद इस गाने पर बैन लगा दिया गया था। हालांकि, करीब 62 साल बाद इस गाने से बैन हटा दिया गया। इस सॉन्ग में जिंदगी के स्ट्रगल, इंसानियत, दुख और दर्द को शामिल किया गया है, जिसे लोगों के सुसाइड की वजह माना गया था।

हंगरियन सॉन्ग है ग्लूमी संडे

ग्लूमी संडे एक हंगरियन सॉन्ग है और जिस समय ये गाना रिलीज हुआ दुनिया पहले विश्व युद्ध के चलते उपजी त्रासदी से गुजर रहा था और दूसरा विश्वयुद्ध भी मुहाने पर ही था। हंगरी के लोग भी तनाव से जूझ रहे थे। आर्थिक तंगी भी इसका एक कारण थी। उन दिनों कंपनियों से लोगों की छटनी हो रही थी, जिसके चलते लोग स्ट्रेस में थे। इस गाने के बोल और पिक्चराइजेशन में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। ऐसे में लोगों ने खुद अपनी परिस्थिति को इस गाने से जोड़ना शुरू कर दिया और लोगों में ये दुख बढ़ाने का कारण बनने लगा।

Latest Bollywood News

Doonited Affiliated: Syndicate News Hunt

This report has been published as part of an auto-generated syndicated wire feed. Except for the headline, the content has not been modified or edited by Doonited

Source link

Uniq Art Store India

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand News Doonited
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Instagram
WhatsApp