
मधुबाला।
संजय लीला भंसाली की फिल्मों के सेट हमेशा अपनी भव्यता और लागत के कारण चर्चा में रहते हैं। साउथ की कई बड़ी फिल्मों के सेट भी करोड़ों की लागत से तैयार किए जा रहे हैं। एसएस राजामौली की ‘बाहुबली’ का सेट भी काफी भव्य और महंगा था, लेकिन महंगे और भव्य सेटों का निर्माण भारतीय सिनेमा के उदय के समय से ही चल रहा है। करीब 65 साल पहले जब ‘मुगल-ए-आजम’ बन रही थी, तब सिर्फ एक गाने की शूटिंग के लिए लाखों रुपये की लागत से शीश महल बनाया गया था। आइए जानते हैं इस महल के निर्माण की कहानी और उस दौर में इसकी धूम के बारे में।
शीश महल बनाने में लगा था वक्त
1960 में रिलीज हुई ‘मुगल-ए-आजम’ को बनने में 14 साल लगे थे। फिल्म के एक गाने का सेट बनने में दो साल लगे थे। गाना था ‘जब प्यार किया तो डरना क्या’। गाने में जब अभिनेत्री मधुबाला डांस करती हैं तो महल में लगे सभी शीशों में वह नजर आती हैं, लेकिन इसे फिल्माना आसान नहीं था। एक समय तो यह सीन क्रिएट करना लगभग नामुमकिन हो गया था। हॉलीवुड से भी एक्सपर्ट बुलाए गए, लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया। बात 15 लाख रुपये में बने शीश महल को गिराने तक पहुंच गई, लेकिन तब सिनेमैटोग्राफर आरडी माथुर ने इसका उपाय निकाला। कैमरा लगते ही उसकी लाइट शीशों पर पड़ती। इसे रोकने के लिए रिफ्लेक्टर लगाए गए, लेकिन जब लाइट उन पर पड़ती तो आंखें चौंधिया जातीं और शूटिंग मुश्किल हो जाती। माथुर ने अपने कैमरे से सेट पर एक ऐसा कोना ढूंढा, जहां लाइट उछल रही थी। वहां से कोई रिफ्लेक्शन नहीं आ रहा था। फिर मधुबाला अनारकली के वेश में रंग-बिरंगे शीशों में घूमती नजर आईं और यह हिंदी सिनेमा का आइकॉनिक सीन बन गया।
1.5 करोड़ रुपये में बनी थी फिल्म
जब एक गाने का सेट तैयार करने में 15 लाख रुपये खर्च किए गए तो स्वाभाविक है कि फिल्म का बजट करोड़ों में रहा होगा। यह फिल्म बॉलीवुड की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी। फिल्म में कलाकारों ने जो भी कपड़े पहने थे, वे दिल्ली में सिले गए थे और सूरत में उकेरे गए थे। हैदराबाद में आभूषण, राजस्थान में हथियार और आगरा में जूते बनाए गए थे। फिल्म में 2000 ऊंट और 4000 घोड़े इस्तेमाल किए गए थे। इन सबके चलते फिल्म का बजट 1.5 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था।
फिल्म का सबसे महंगा गाना
फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ का सबसे महंगा गाना ‘प्यार किया तो डरना क्या’ है। ये गाना सिर्फ फिल्म ही नहीं उस दौर का भी सबसे महंगा गाना रहा। इस गाने को मंजूरी मिलने से पहले 105 बार लिखा गया था। उस समय मिक्सिंग की सुविधा नहीं थी, इसलिए नौशाद ने गाने में गूंज लाने के लिए इसे लता मंगेशकर के साथ स्टूडियो के वॉशरूम में रिकॉर्ड किया था।
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