
आशा भोसले।
भारतीय संगीत जगत में कुछ ऐसे सिंगर आए, जिनकी जगह आज तक कोई नहीं ले सका है। लता मंगेशकर से लेकर आर डी बर्मन, मोहम्मद रफी और किशोर कुमार भारतीय संगीत जगत के कुछ ऐसे ही सितारे रहे, जो आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करते हैं। आशा भोसले भी संगीत की दुनिया की ऐसी ही एक सितारा हैं, जो आज भले ही अपनी उम्र के चलते म्यूजिक इंडस्ट्री से दूर हैं, लेकिन अपने विविधता से भरे करियर, उनके गाने की शैली और मधुर आवाज के चलते वह आज भी एक अलग मुकाम रखती हैं। मेलोडी क्वीन के नाम से मशहूर आशा भोसले का आज 92वां जन्मदिन है, इस मौके पर आपको उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।
आशा भोसले का जन्म
आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में हुआ। वह पंडित दीनानाथ मंगेशकर की तीसरी बेटी और लता मंगेशकर की छोटी बहन थीं। आशा भोसले तब मात्र 11 साल की थीं, जब उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रख दिए थे। उनका पहला गाना मराठी भाषा में था, जिसका नाम ‘चला चला नव बाल’ था, उन्होंने ये गाना अपनी स्टार बहन लता मंगेशकर के साथ गया था। लेकिन, उन्हें पहचान 16 की उम्र में जाकर मिल सकी। उन्होंने 16 साल की उम्र में ‘रात की रानी’ फिल्म के लिए पहला सोलो गाया और रातों-रात स्टार बन गईं।
ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली भारतीय महिला
आशा भोसले के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। उनके पास ना तो टैलेंट की कमी है और ना ही मेहनत की, जिसके दम पर वह ग्रैमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्हें 2205 में ग्रैमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था। आशा भोसले एक बेहतरीन सिंगर तो हैं ही, वह अभिनय में भी अपना दम दिखा चुकी हैं। उन्होंने एक मराठी फिल्म से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखे, जिसका नाम माई है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी है नाम
आशा भोसले का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। 2011 में सबसे अधिक स्टूडियो रिकॉर्डिंग के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। उन्होंने 20 से ज्यादा भारतीय भाषाओं में 11 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं, जिसके चलते उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
जब बोल्ड गाने मिलने पर नाराज हुईं आशा भोसले
आशा भोसले का नाम कई बार विवादों में भी रहा। उनके मशहूर गानों में ‘दम मारो दम’ और ‘पिया तू अब तो आजा’ जैसे गाने भी शुमार हैं। ये गाने उस दौर में काफी बोल्ड माने गए, जिसे लेकर विवाद भी हुआ। रिपब्लिक भारत से बात करते हुए आशा भोसले ने खुलासा किया था कि वह आरडी बर्मन से इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की थी कि वह उन्हें लगातार बोल्ड गाने दिए जा रहे थे। उन्होंने इसी दौरान खुलासा किया था कि जब वह कारवां का गाना पिया तू अब तो आजा रिकॉर्ड कर रही थीं तो गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी बीच में ही स्टूडियो छोड़कर चले गए थे, क्योंकि उन्हें अपने लिखे शब्दों पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।
Doonited Affiliated: Syndicate News Hunt
This report has been published as part of an auto-generated syndicated wire feed. Except for the headline, the content has not been modified or edited by Doonited