
शारदा सिन्हा
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। दिल्ली के एम्स में 5 नवंबर 2024 को उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। शारदा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था। शारदा सिन्हा ने भले ही 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनके छठ गीत हमेशा हमारे दिलों-दिमाग में अमर रहने वाले हैं। शारदा सिन्हा छठ त्योहार के दौरान अपनी मनमोहक लोक प्रस्तुतियों के लिए जानी जाती थीं। अब उनकी मौत के बाद एक नया छठ गीत रिलीज किया गया है जो काफी पसंद किया जा रहा है।
शारदा सिन्हा के निधन के बाद रिलीज हुआ नया छठ गीत
दिवाली खत्म होते ही बिहार में अब छठ महापर्व की धूम देखने को मिल रही है। इसी बीच, बिहार की दिवंगत लोक गायिका और पद्म विभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा की आवाज एक बार फिर से घरों में गूंजने लगी है। उनके पुराने छठ गीतों के अलावा उनका एक नया गीत भी अब लोकप्रिय हो रहा है। जी हां, शारदा सिन्हा का नया छठ गीत ‘छठ मईया के दरबार’ रिलीज हो चुका है जो आप उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर देख और सुन सकते हैं।
शारदा सिन्हा का पहला भोजपुरी गीत
1974 में उन्होंने पहली बार भोजपुरी गीत गाया, लेकिन 1978 में उनका छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’ आया, जिसने शारदा सिन्हा को घर-घर में पहचान दिलाई। 1989 में उन्होंने बालीवुड में भी कदम रखा और ‘कहे तोसे सजना तोहरे सजनिया’ गीत गाकर खूब सराहना बटोरी। शारदा सिन्हा को प्यार से ‘बिहार की कोकिला’ के नाम से भी जाना जाता है। उनका भोजपुरी, मैथिली और मगही संगीत में बहुत बड़ा योगदान दिया।
2018 में मिला था पद्म भूषण
उनके मशहूर गाने जैसे ‘हम आपके हैं कौन..!’ का ‘बबूल’! इससे उन्हें न केवल प्रसिद्धि मिली। 2018 में कला में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता है। उन्हें भारत सरकार की तरफ से पद्म श्री और पद्म भूषण का अवॉर्ड भी मिला था।
ये भी पढे़ं-
पीयूष पांडे के अंतिम संस्कार में मुस्कुराते दिखी इशिता अरुण, भड़के लोग, एक्ट्रेस ने दिया करारा जवाब
Doonited Affiliated: Syndicate News Hunt
This report has been published as part of an auto-generated syndicated wire feed. Except for the headline, the content has not been modified or edited by Doonited



