
उत्तम कुमार
एक दौर ऐसा भी था जब कोलकाता का एक युवा अभिनेता सिनेमा जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था। परफेक्ट लुक और बेहतरीन एक्टिंग स्किल के बावजूद, उनकी शुरुआती कुछ फिल्में बुरी तरह फ्लॉप रहीं, जिसके कारण उन्हें ‘फ्लॉप मास्टर जनरल’ कहा जाता था और कई लोगों यह भी कहते थे उनमें स्टारडम हासिल करने की काबिलीयत नहीं है। लेकिन, बाद में उन्होंने बैक-टू-बैक हिट फिल्में देकर साबित कर दिया कि वो किसी से कम नहीं है। आज ये अभिनेता हमारे बीच भले नहीं हैं। लेकिन, आज भी लोग उन्हें भूल नहीं पाए है। अमिताभ बच्चन से पहले उन्हें ‘महानायक’ कहा जाता था। वे भारतीय सिनेमा के इतिहास में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।
यह ‘महानायक’ अभिनेता कौन थे?
हम किसी और की नहीं, बल्कि बंगाली सिनेमा के दिग्गज सितारे स्वर्गीय उत्तम कुमार की बात कर रहे हैं, जिन्हें महानायक की उपाधि मिली थी। अरुण कुमार चटर्जी के रूप में जन्मे उत्तम कुमार ने 1940 के दशक की शुरुआत में अपना फिल्मी सफर शुरू किया। शुरुआती सात-आठ सालों तक उनकी कोई भी फिल्म खास कमाल नहीं दिखा पाई। लेकिन, उत्तम कुमार ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी कला को निखारने और अपनी गलतियों को सुधाने पर ध्यान दिया। उनके करियर में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब 1952 की फिल्म ‘बासु परिवार’ और फिर ‘अग्नि परीक्षा’ (1954) रिलीज हुई, जो एक बड़ी हिट साबित हुई और जिसने उनकी प्रोफेशनल लाइफ बदल दी।
अमिताभ बच्चन भी थे उत्तम कुमार के फैन
बंगाली टीवी चैनल कलर्स बांग्ला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अमिताभ बच्चन को उत्तम कुमार की तारीफ करते हुए देखा जा सकता है। वह कहते हैं, ‘नमस्कार मैं अमिताभ बच्चन, जब मैंने अपने अभिनय की शुरूआत की तो उस समय फिल्मों में एक ऐसे अभिनेता का बोल बाला था जो सुपरस्टार थे और हिन्दुस्तान के करीब हर घर में जाने जाते थे मैं बात कर रहा हूं महान अभिनेता उत्तम कुमार जी की।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जिन्हें पूरा देश खासकर बंगाल दिलों जान से चाहता है.. उत्तम जी के स्तर उनकी महानता का बखान शब्दों में नहीं बताया जा सकता है वो एक ऐसे शख्स थे जिनकी उपस्थिति बहुत ही भव्य और विराट होती थी। मुझे वो दिन याद जब मुझे उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इस छोटी सी मुलाकात में उन्होंने जिस तरह से इस कला के बारे में बात की थी वो चाहत वो आजकल बहुत ही कम लोगों में दिखाई देती है।’
उत्तम कुमार ने इस हसीना संग दी थी कई हिट फिल्में
उत्तम कुमार की सफलता का एक सबसे बड़ा कारण सुचित्रा सेन के साथ उनकी केमिस्ट्री थी। उनकी ऑन-स्क्रीन जोड़ी मशहूर हो गई और बंगाली सिनेमा में दोनों की हर फिल्म हिट होती थी। उन्होंने साथ में 29 हिट फिल्में दीं, जिनमें ‘हरानो सुर’, ‘सप्तपदी’ और ‘शिल्पी’ जैसी फिल्में शामिल हैं। वहीं, निर्देशक सत्यजीत रे की 1966 में आई फिल्म ‘नायक’ ने उनके करियर को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। इसके बाद उत्तम कुमार को महानायक कहा जाता था। ‘महानायक’ शब्द उत्तम कुमार की पहचान बन गया। इस तरह ‘फ्लॉप मास्टर जनरल’ का टैग हटते हुए उन्हें ‘महानायक’ की उपाधि मिली।
जब उत्तम कुमार खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल पहुंचे
23 जुलाई 1980 को, फिल्म ‘ओगो बोधु शुंडोरी’ की शूटिंग के दौरान उत्तम कुमार को सीने में दर्द हुआ। वे खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल पहुंच गए। इलाज के अगले दिन 24 जुलाई 1980 को 53 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। कमाल की बात यह थी कि कोलकाता के टॉलीगंज फिल्म स्टूडियो का नाम उनके सम्मान में उत्तम मंच रखा गया। उत्तम कुमार को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए कई बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया। 1967 में उन्हें ‘एंटनी फिरंगी’ और ‘चिड़ियाखाना’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इसके अलावा 2009 में उनके सम्मान में भारतीय डाक विभाग ने डाक टिकट जारी किया। इतना ही नहीं कोलकाता मेट्रो स्टेशन का नाम उनके सम्मान में बदलकर ‘महानायक उत्तम कुमार मेट्रो स्टेशन’ कर दिया गया।
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