
अनंत नाग और पद्मिनी कोल्हापुरी
हॉरर फिल्में देखना का क्रेज लोगों में दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में मेकर्स भी इसी तरह के कंटेंट पर ध्यान दे रहे हैं ताकि वह दर्शकों का दिल जीत सके। फिल्म इंडस्ट्री में लगभग हर जॉनर की फिल्में बनती हैं। कॉमेडी, फैमिली ड्रामा, एक्शन से लेकर हॉरर तक सबकुछ अब आपको देखने को मिल जाएगा। खासकर हॉरर एक ऐसा जॉनर है, जिसे देखना हर तरह का दर्शक पसंद करता है। वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर हॉरर फिल्मों की भरमार है, जिनमें से कुछ इतनी पुरानी है जो आज भी लोगों की वॉच लिस्ट में शामिल है। भारतीय सिनेमा की कुछ फिल्में सिर्फ पर्दे पर ही नहीं बल्कि पर्दे के पीछे की अपनी खौफनाक कहानी और किस्सों के लिए जानी जाती है। चार दशक पहले बनी एक ऐसी ही हॉरर फिल्म जिसे न बनाने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन, निर्माताओं ने इन सभी बातों को नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया और फिर फिल्म निर्माण के दौरान जो विचित्र घटनाएं घटीं उसने सभी को हैरान कर दिया।
यह कौन सी फिल्म है?
हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं वह है ‘गहराई’ जो 1980 में रिलीज हुई। ये एक हॉरर थ्रिलर है और यह काले जादू पर आधारित बॉलीवुड की शुरुआती फिल्मों में से एक मानी जाती है। विकास देसाई और अरुणा राजे द्वारा निर्देशित यह फिल्म पश्चिमी हॉरर सिनेमा ‘द एक्सॉर्सिस्ट’ से प्रेरित थी। यह एक ऐसी युवा लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है जो अलौकिक शक्तियों के प्रभाव में आकर प्रेतवाधित हो जाती है और उसका परिवार उसे बचाने की बेताब कोशिशों में लगा रहता है।
कहानी क्या थी?
‘गहराई’ के कलाकारों की बात करें तो इसमें अनंत नाग, श्रीराम लागू, पद्मिनी कोल्हापुरी, इंद्राणी मुखर्जी और स्वर्गीय अमरीश पुरी शामिल थे, जिन्होंने एक छोटी सी भूमिका निभाई थी। इस फिल्म की खासियत थी इसमें तांत्रिक अनुष्ठानों, भूत-प्रेत के प्रभाव और आध्यात्मिक संघर्ष को बहुत ही अच्छे से पेश किया गया था। जो उस दौर की सबसे डरावनी हॉरर फिल्मों में से एक थी। दिलचस्प बात यह है कि फिल्म की रिलीज के बाद इसे लेकर ऐसी कहानियां सामने आईं जो हैरान करने वाली थी कि कैसे कलाकारों और क्रू सदस्यों को शूटिंग के दौरान रहस्यमय दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिससे इस परियोजना को लेकर डर और बढ़ गया। यह हॉरर फिल्मों के प्रशंसकों के बीच एक कल्ट क्लासिक बन गई और IMDb पर इसे 6.9 की रेटिंग मिली।
जब तांत्रिकों ने निर्माताओं को चेतावनी दी
बॉलीवुड क्रिप्ट से बातचीत के दौरान, निर्देशक अरुणा राजे ने कहा, ‘कहानी लिखते समय, वह तांत्रिकों और जादूगरों से मिलीं। उन्होंने कहा एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें ये काम खुद नहीं करने चाहिए क्योंकि हमें परिणाम नहीं पता होता। सभी ने हमें यह फिल्म न बनाने की चेतावनी दी थी और कहा कि आपके साथ खतरनाक घटनाएं घटेंगी। हम अंधविश्वासी नहीं थे इसलिए हमने सोचा कि हम सिर्फ एक फिल्म बना रहे हैं… हमने फिल्म बनाई, लेकिन चीजें गड़बड़ा गईं।’ अरुणा ने आगे बताया,’गहराई बनाने के कुछ साल बाद ही उनका अपने पति से तलाक हो गया और उनकी बेटी की 9 साल की उम्र में कैंसर से मौत हो गई। इतना ही नहीं, रिलीज के तुरंत बाद ही दर्शकों ने उनसे शिकायत करना शुरू कर दिया कि उनके साथ अजीबोगरीब और डरावनी घटनाएं हो रही हैं। इसके लिए वे उनसे और इस प्रोजेक्ट से जुड़े हर व्यक्ति से फोन नंबर मांगते थे।’
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