
फिल्म का पोस्टर।
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा के दौरान एक ऐसी फिल्म का नाम लिया गया जो साल 2023 में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी। ये एक मनोरंजक व्यंग्यप्रधान सामाजिक‑कॉमेडी थी। इस फिल्म का नाम है ‘कटहल: ए जैकफ़्रूट मिस्ट्री’, जिसे यशोवर्धन मिश्रा ने निर्देशित किया है। ये फिल्म उत्तर प्रदेश के एक काल्पनिक कस्बे मोबा की राजनीतिक और सामाजिक हलचलों को एक अनोखे अंदाज में पेश करती है। कहानी की शुरुआत एक विधायक के बाग से दो दुर्लभ कटहल की चोरी से होती है, जिसे लेकर पूरा थाना सिर पर उठा लिया जाता है। लेकिन असली रहस्य एक माली की गुमशुदा बेटी के इर्द-गिर्द घूमता ह। फिल्म की कहानी में कई मोड़ आते हैं, जो इसे देखने लायक बनाते हैं। इस फिल्म से जुड़ी जानकारी आपको यहां मिलने वाली है।
कहानी क्या है?
उत्तर प्रदेश के काल्पनिक कस्बे मोबा में एक विधायक (विजय राज) की हवेली से दुर्लभ अंकल हॉन्ग प्रजाति के दो कटहल चोरी हो जाते हैं और पूरा थाना उनकी खोज में लग जाता है। हालांकि असली मुद्दा कहीं और है। पुलिस पर भारी दबाव डाला जाता है कि चोरी हो गया कटहल जल्द ढूंढे, वरना विधायक थाने को आग लगा देने की धमकी देता है। इंस्पेक्टर महिमा बसोर (सान्या मल्होत्रा) इस केस की जिम्मेदारी संभालती है, लेकिन जल्द ही उसे पता चलता है कि वास्तविक मामला एक माली की बेटी अमिया के अपहरण से जुड़ा है। पुलिस प्रशासन कटहल चोरी को प्राथमिकता दे रहा है जबकि जिंदगी की असली कहानी कुछ और है। महिमा उसी का पता लगाने निकल पड़ती है। इस बीच कांस्टेबल सौरभ द्विवेदी की जिंदगी भी उलझी होती है। उनकी रिपोर्टिंग महिमा का होती है, जो उसकी गर्लफ्रेंड भी है। दोनों की प्रेम कहानी भी सीनियर-जूनियर के फेर में उलझी रहती है और शादी तक नहीं पहुंच पा रही होती।
फिल्म में है दमदार कास्ट
इंस्पेक्टर महिमा बसोर के रोल में सान्या मल्होत्रा नजर आ रही हैं। इसके अलावा कांस्टेबल सौरभ द्विवेदी अनंत वी जोशी हैं। वो महिमा के प्रेमी के रोल में हैं, जो एक ऊंची जाति के हैं और नीचली जाति की लड़की से प्यार करते हैं। विजय राज, विधायक मुन्नालाल पटेरिया, कटहल मालिक के रोल में हैं। राजपाल यादव, पत्रकार अनुज संघवी के रोल में हैं, जो रिपोर्टिंग के जरिये महिमा को न्याय की दिशा दिखाता है। ब्रिजेंद्र कला, नेहा सराफ, रघुबीर यादव और अंबरीश सक्सेना जैसे सितारे भी अहम किरदार निभा रहे हैं।
फिल्म का भाव
ये फिल्म एक व्यंग्यात्मक प्रस्तुति थी। कटहल जैसे मामूली चोरी को एक बड़े अपराध की तरह दिखाकर फिल्म समाज और प्रशासन की विसंगतियों पर कटाक्ष करती है। जातीय और सामाजिक तनाव को फिल्म में दिखाया गया है, जहां महिमा को निचली जाति की होने की वजह से लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ता है, बखूबी दिखाया गया है कि कैसे सिस्टम की प्राथमिकताएं गलत दिशा में होती हैं। पावर गेम और भ्रष्ट प्रशासन की झलकियां भी इस फिल्म में दिखाई गई हैं। विधायक का दबदबा, पुलिस का लालच और जनता की अपेक्षाएं सभी को मिलाकर फिल्म ने ताकतवर संरचनाओं की आलोचना की है। बता दें, ‘कटहल: ए जैकफ्रूट मिस्ट्री’ 19 मई 2023 को वैश्विक प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। इसे अभी भी आप स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं।
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