
ओटीटी की टॉप रेटेज सीरीज में से एक है स्कैम 1992।
ओटीटी पर पिछले कुछ सालों में कुछ ऐसी फिल्मों और सीरीज ने कब्जा जमाया, जिनमें ना तो बड़े स्टार थे और ना ही बड़ा बजट। साधारण से ग्रामीण जीवन की झलक दिखाती पंचायत से लेकर गुल्लक तक, आम लोगों की ये कहानियां दर्शकों के दिलों को छू गईं। ऐसे ही एक और सीरीज ने दर्शकों को खूब इंप्रेस किया, लेकिन खास बात ये है कि ये पंचायत और गुल्लक जैसी बिलकुल भी नहीं थी, बल्कि देश के सबसे बड़े स्कैम पर आधारित थी। हम बात कर रहे हैं प्रतीक गांधी स्टारर ‘स्कैम 1992’ की, जिसके आने पर दर्शक इस सीरीज के मुरीद हो गए और देखते ही देखते प्रतीक गांधी की भी किस्मत चमक उठी। इन दिनों प्रतीक गांधी अपनी हालिया सीरीज ‘सारे जहां से अच्छा’ को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं।
1992 के स्कैम पर आधारित है सीरीज
हंसल मेहता द्वारा निर्देशित ‘स्कैम 1992’ स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता द्वारा 1992 के भारतीय शेयर बाजार घोटाले पर आधारित है, जिसमें प्रतीक गांधी ने लीड रोल प्ले किया था। उनके साथ ही इस सीरीज में श्रेया धन्वंतरी, हेमंत खेर और शादाब खान जैसे सितारे भी नजर आए थे। भारत के पहले बड़े वित्तीय घोटाले ने 1992 में पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सीरीज की शुरुआत हर्षद मेहता के एक साधारण से जीवन से शुरू होती है और फिर ‘बिग बुल’ बनने की जर्नी दिखाई गई थी।
आईएमडीबी पर मिली है 9.3 रेटिंग
अगर आप भी प्रतीक गांधी स्टारर ये सीरीज देखना चाहते हैं तो ये ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘सोनी लिव’ पर मौजूद है। आज भी ये देश की सबसे बेहतरीन सीरीज में गिनी जाती हैं, जिसमें प्रतीक गांधी सहित अन्य कलाकारों ने भी अपने अभिनय कौशल से सबको हैरान कर दिया था। स्कैम 1992 को आईएमडीबी पर 9.3 रेटिंग मिली है। खास बात तो ये है कि ये पॉपुलर सीरीज दुनिया की टॉप रेटेड सीरीज में से एक है। आईएमडीबी पर दी गई रेटिंग यूजर्स द्वारा दी गई रेटिंग्स पर आधारित होती है।
क्या है सीरीज की कहानी
स्कैम 1992 की कहानी हर्षद मेहता (प्रतीक गांधी) के इर्द-गिर्द घूमती है। हर्षद के पिता का कपड़े का प्यापार होता है, लेकिन ये बंद हो जाता है। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए हर्षद शेयर मार्केट का रुख कर लेता है और उसके बाद बिना उसूल के आगे बढ़ता जाता है। ‘रिस्क है तो इश्क है’ की कहावत के आधार पर वह आगे बढ़ता है और जल्दी ही मार्केट में बड़ा नाम बन जाता है और फिर अपने भाई के साथ मिलकर कंपनी भी खोल लेता है। मनी मार्केट में आने के बाद हर्षद बैंकों के साथ लेना-देना शुरू कर देता है, लेकिन फिर एक पत्रकार को उसके कारनामों का पता चलता है और मामला तूल पकड़ लेता है, जिसके बाद बड़े स्कैम का खुलासा होता है। हंसल मेहता ने इस सीरीज की कहानी को इतने अच्छे से पेश किया है कि ये आखिरी तक दर्शकों को बांधे रखती है।
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