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बिग बॉस 19: कुनिका सदानंद के निकले आंसू, बेटे की कस्टडी के लिए लड़ी कानूनी जंग

बिग बॉस 19: कुनिका सदानंद के निकले आंसू, बेटे की कस्टडी के लिए लड़ी कानूनी जंग

Image Source : INSTAGRAM/@IAM_KUNICKAASADANAND
कुनिका सदानंद।

बिग बॉस अपने नए सीजन के साथ दर्शकों के बीच वापस आ गया है, वो भी एंटरटेनमेंट, ड्रामा और लड़ाई-झगड़ों के साथ। शो में पहले ही दिन से घरवालों के बीच जंग छिड़ी है और धीरे-धीरे करके सभी कंटेस्टेंट ग्रुप में बंटते नजर आ रहे हैं। लेकिन, शो में मस्ती, तीखी बहस और कई झगड़ों के अलावा, बिग बॉस में हिस्सा लेने वाले सेलिब्रिटीज की जिंदगी के वो पहलू भी सामने आते हैं, जो कभी सामने नहीं आए। हाल ही में कुनिका सदानंद भी कुछ ऐसी ही कहानी उजागर करती दिखीं। कुनिका हाल ही में अपने बेटे की कस्टडी की लड़ाई और कम उम्र से ही अपने संघर्षों के बारे में बात करती नजर आईं और इस दौरान वह बेहद इमोशनल हो गईं।

बेटे की कस्टडी के लिए लड़ी कानूनी लड़ाई

कुनिका ने अपनी जिंदगी के मुश्किल दिनों को याद करते हुए कहा कि जिस समय वह मुश्किलों का सामना कर रही थीं, उस समय ज्यादातर महिलाएं अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए पर्याप्त सशक्त नहीं होती थीं। उन्होंने अपने संघर्ष को याद करते हुए कहा- ’42 साल पहले की बात है। तब महिलाएं इतनी सशक्त नहीं होती थीं। उनके अधिकार ही नहीं होते थे। एक बार तो जज ने मेरी केस फाइल मेरे मुंह पर ही फेंक दी थी। मैं अपने बेटे से मिलने के लिए मुंबई से दिल्ली गई थी। उस फैसले के हिसाब से मुझे हर दो हफ्ते में उससे मिलने की इजाजत थी, लेकिन मेरे पति उसे साथ नहीं लाए। आखिरकार उन्होंने उसका अपहरण कर लिया। मैंने 16 साल की उम्र से बहुत कुछ देखा है।’

कुनिका सदानंद के स्ट्रगल और चैलेंजेस

इसके बाद कुनिका सदानंद ने अपनी जिंदगी के स्ट्रगल और चुनौतियों के बारे में भी बात की, जिसने अन्य कंटेस्टेंट को प्रभावित किया। कुनिका ने कहा – ‘मैंने 16 साल की उम्र से बहुत कुछ देखा है, लेकिन फिर भी कभी हार नहीं मानी।’ दूसरी तरफ कुनिका के फैंस हैं जो उन्हें एक मजबूत महिला बता रहे हैं और उनके स्ट्रगल और जिंदगी के बीच संतुलन को लेकर उनकी तारीफ कर रहे हैं।

मनोज बाजपेयी के बारे में कही ये बातें

कुनिका सदानंद ने इस दौरान बताया कि कैसे उन्हें हमेशा उन लोगों से सपोर्ट मिला, जिनके साथ उन्होंने काम किया। जीशान कादरी से मनोज बाजपेयी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा- ‘मैंने उनके साथ स्वाभिमान में काम किया था, जो सत्या से भी पहले आई थी। लेकिन आज तक, अगर मैं उन्हें फोन करती हूं, तो वो पहली ही घंटी पर मेरा फोन उठा लेते हैं। इतनी सफलता के बावजूद, वो जरा भी नहीं बदले हैं।” इस पर जीशान ने यह भी कहा, “उनके साथ काम करना सबसे अच्छा अनुभव है। अगर वो आपको कड़ी मेहनत करते हुए देखते हैं और प्रभावित होते हैं, तो वो हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे, सार्वजनिक मंचों पर भी।’

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