digital products downloads

पृथ्वीराज कपूर नहीं, ये है कपूर खानदान से निकला पहला हीरो

पृथ्वीराज कपूर नहीं, ये है कपूर खानदान से निकला पहला हीरो

Image Source : VIRKAYDE_MUSIC/INSTAGRAM, PTI
त्रिलोक, राज कपूर और रणबीर कपूर।

भारतीय सिनेमा का इतिहास जब भी लिखा जाएगा तो कपूर खानदान का नाम उसके शुरुआती और सबसे प्रभावशाली अध्यायों में शामिल होगा। हिंदी फिल्मों में ऐसा कोई दूसरा परिवार नहीं रहा, जिसकी चार पीढ़ियां लगातार अभिनय, निर्देशन और फिल्म निर्माण से जुड़ी रही हों। कपूर परिवार न केवल बॉलीवुड का पहला फिल्मी परिवार कहलाया, बल्कि उसने दशकों तक इंडस्ट्री पर राज भी किया। इस खानदान ने सुपरस्टार्स से लेकर चरित्र कलाकारों तक और हीरोइनों से लेकर निर्देशकों तक, हर स्तर पर सिनेमा को गहराई से प्रभावित किया। लेकिन इस परिवार में एक ऐसा नाम भी रहा, जो कम उम्र में ही शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा, कई सफल फिल्में दीं और फिर धीरे-धीरे गुमनामी के अंधेरे में खो गया।

पृथ्वीराज के छोटे भाई, कपूर खानदान के पहले नायक

हम बात कर रहे हैं त्रिलोक कपूर की, जो कपूर खानदान के पहले हीरो थे और अपने समय के टॉप सितारों में गिने जाते थे। कपूर खानदान की शुरुआत पृथ्वीराज कपूर से हुई, जो 1920 के दशक में फिल्मों में आए। लेकिन पृथ्वीराज के छोटे भाई त्रिलोक कपूर ने उन्हें फॉलो करते हुए साल 1933 में फिल्म ‘चार दरवेश’ से बतौर हीरो डेब्यू किया। उसी साल उन्होंने ‘सीता’ में भी अभिनय किया, जिसमें उनके साथ उनके भाई पृथ्वीराज कपूर भी थे। फर्क यह था कि पृथ्वीराज आमतौर पर सहायक या खलनायक की भूमिकाओं में दिखते थे, जबकि त्रिलोक कपूर ने एक फुल-फ्लेज्ड हीरो के रूप में पहचान बनाई।

यहां देखें पोस्ट

उस दौर के सबसे बड़े स्टार्स में शामिल

1930 और 40 के दशक में त्रिलोक कपूर का नाम केएल सहगल, अशोक कुमार और करण दीवान जैसे सितारों के साथ लिया जाता था। वे उस समय के सबसे ज़्यादा फीस लेने वाले अभिनेताओं में से एक थे। 1947 में नूरजहां के साथ उनकी फिल्म ‘मिर्जा साहिबान’ बड़ी हिट रही और इससे उन्होंने इंडस्ट्री में पक्की जगह बना ली। 1950 का दशक उनके करियर का स्वर्णिम काल रहा, जहाँ उन्होंने आध्यात्मिक और पौराणिक फिल्मों में ज़बरदस्त सफलता हासिल की। उन्होंने कुल मिलाकर करीब 30 हिट फिल्में दीं, जो राज कपूर (17 हिट) और रणबीर कपूर (11 हिट) से कहीं अधिक हैं।

पौराणिक छवि ने सीमित किया

हालांकि पौराणिक फिल्मों में उनकी लोकप्रियता बनी रही, लेकिन इन फिल्मों की सीमित पहुंच के चलते वे मुख्यधारा के सिनेमा से धीरे-धीरे कट गए। उनके समकालीन अशोक कुमार को जहां लगातार बड़े बैनर्स से ऑफर मिलते रहे, वहीं त्रिलोक कपूर पर मेकर्स ने कमर्शियल फिल्मों के लिए भरोसा नहीं जताया। 1960 के बाद से त्रिलोक कपूर चरित्र भूमिकाओं में दिखाई देने लगे। उन्होंने ‘जय संतोषी मां’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘दोस्ताना’ और ‘गंगा जमुना सरस्वती’ जैसी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल किए।

एक चमकता सितारा जो धीरे-धीरे ओझल हो गया

कभी हिंदी सिनेमा के सबसे चमकदार सितारों में शामिल रहे त्रिलोक कपूर का अंत बेहद शांत और गुमनाम रहा। 1988 में 76 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। वे उस कपूर खानदान के पहले हीरो थे, जिसने हिंदी सिनेमा को चार पीढ़ियों तक नेतृत्व दिया, लेकिन उनकी कहानी आज बहुत कम लोग जानते हैं, एक यादगार सितारा, जो वक्त की धुंध में खो गया।

ये भी पढ़ें: प्रेग्नेंट हैं सोनाक्षी? जहीर ने पेट पर हाथ रखकर क्लिक कराई तस्वीर, मजाकिया अंदाज में अफवाहों को किया धुआं-धुआं

फिल्म में रोल मांगने के लिए आई थी एक्ट्रेस, पंकज धीर ने तय कर दिया बेटे संग रिश्ता, ऐसे पूरी की बहू की तलाश

Latest Bollywood News

Doonited Affiliated: Syndicate News Hunt

This report has been published as part of an auto-generated syndicated wire feed. Except for the headline, the content has not been modified or edited by Doonited

Source link

Uniq Art Store India

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand News Doonited
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Instagram
WhatsApp