
राज कपूर, शशि कपूर और शम्मी कपूर।
अगर हम आपसे कहें कि भारत में इंटरनेट की शुरुआत से जुड़ा एक असली OG कोई टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट नहीं, बल्कि बॉलीवुड का एक चमकता सितारा था तो क्या आप यकीन करेंगे? शायद नहीं। लेकिन ये बिल्कुल सच है। 90 के दशक में जब भारत में इंटरनेट एक नई चीज थी, तब एक 70 वर्षीय फिल्मी सुपरस्टार ने तकनीक को गले लगाते हुए देशभर में इंटरनेट का प्रचार-प्रसार किया। ये सुपरस्टार कोई और नहीं, बल्कि कपूर खानदान के चर्चित सदस्य और अपने जमाने के दिलों की धड़कन शम्मी कपूर थे।
जब शम्मी कपूर बने इंटरनेट के अगुआ
साल 1994 था। देश में इंटरनेट को लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं थी। लोग समझ ही नहीं पा रहे थे कि ये क्या चीज है। ऐसे समय में शम्मी कपूर ने न केवल इंटरनेट को अपनाया, बल्कि उसे आगे बढ़ाने की ठानी। उन्होंने उस दौर में एप्पल मैकिंटोश डेस्कटॉप खरीदा और इंटरनेशनल डायल-अप लाइन के जरिए इंटरनेट से जुड़ने वाले शुरुआती भारतीयों में शामिल हो गए। उस समय इंटरनेट एक्सेस करना न तो आसान था, न ही सस्ता। लेकिन शम्मी कपूर की दूरदर्शिता ने उन्हें इस नई तकनीक की ओर खींच लिया।
इंटरनेट यूजर्स की कम्युनिटी बनाई
शम्मी कपूर यहीं नहीं रुके। उन्होंने देशभर के इंटरनेट यूजर्स को जोड़ने के लिए इंटरनेट यूजर्स कम्युनिटी ऑफ इंडिया (IUCI) की स्थापना की और इसके चेयरमैन भी बने। ये संस्था उस समय इंटरनेट की दुनिया से जुड़े लोगों के लिए एक तरह से ज्ञान और सहयोग का केंद्र बन गई थी। उनका मानना था कि भारत को डिजिटल रूप से आगे बढ़ाने के लिए लोगों को इंटरनेट के साथ जोड़ना बेहद जरूरी है।
कपूर परिवार की वेबसाइट।
एक अनोखी वेबसाइट
शम्मी कपूर ने अपनी टेक्नोलॉजी की रुचि को आगे बढ़ाते हुए एक खास वेबसाइट बनाई junglee.org.in। इस वेबसाइट पर उनके पूरे परिवार की जानकारी उपलब्ध है—कौन क्या करता है, किसकी क्या रुचि है, यहां तक कि पारिवारिक तस्वीरें भी। ये वेबसाइट आज भी एक्टिव है और अपने आप में बॉलीवुड के इतिहास और डिजिटल प्रयोग की मिसाल है।
एथिकल हैकर्स एसोसिएशन की स्थापना
इंटरनेट को सिर्फ इस्तेमाल करना ही नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा और समझ को लेकर भी शम्मी कपूर गंभीर थे। उन्होंने एथिकल हैकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया नाम की एक संस्था बनाई जो आज भी डिजिटल सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में सक्रिय है। शम्मी कपूर ने उस वक्त देख लिया था कि इंटरनेट भविष्य में हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बनने जा रहा है। जब उनके हमउम्र लोग तकनीक से दूर भागते थे, तब उन्होंने उसे अपनाया और युवाओं को भी इसके लिए प्रेरित किया।
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