
खेसारी लाल यादव और मैथली ठाकुर।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अपने अंतिम और सबसे निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। 14 नवंबर की सुबह शुरू हुई मतगणना के साथ ही यह उत्सुकता चरम पर है कि इस बार सत्ता की चाबी किसके हाथ जाएगी, लेकिन इस चुनाव की खासियत सिर्फ राजनीतिक हलचल नहीं, बल्कि इसमें मनोरंजन जगत की मजबूत दखलअंदाजी भी रही। फिल्मों और म्यूजिक इंडस्ट्री के कई जाने-माने नाम पहली बार जनता के फैसले की कसौटी पर खड़े हैं। ऐसे में सभी की निगाहें उन सितारों पर टिकी हैं, जिनके लिए यह चुनाव करियर का नया अध्याय लिख सकता है। अब कुछ ही समय में नतीजे सामने होंगे और साफ हो जाएगा कि इन चमकते सितारों की राजनीतिक यात्रा किस दिशा में बढ़ती है, नई उड़ान की ओर या निराशा की ओर।
छपरा में खेसारी की असली परीक्षा
छपरा विधानसभा सीट इस बार किसी राजनीतिक सीट से ज्यादा एक हाई-प्रोफाइल स्पॉटलाइट ज़ोन बन गई है। वजह भोजपुरी सिनेमा के बड़े नाम खेसारी लाल यादव का चुनावी मैदान में उतरना। राजद प्रत्याशी खेसारी की रैलियों में उमड़ी भारी भीड़ ने माहौल को किसी फिल्मी शो की तरह बना दिया। उनके समर्थक मानते हैं कि खेसारी का स्टार पावर वोटों में भी झलकेगा। लेकिन दिलचस्प मोड़ यह है कि उनके खिलाफ प्रचार में भोजपुरी दुनिया के तीन दिग्गज मनोज तिवारी, रवि किशन और पवन सिंह ने खुलकर मोर्चा संभाला। परिणाम यह सीट को बेहद संघर्षपूर्ण और पूरी तरह अनिश्चित बना देता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या खेसारी का ग्लैमर राजनीतिक नेतृत्व की चाबी दिला पाएगा।
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रितेश पांडे लाइमलाइट से जनसंपर्क तक
भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री की सुपरहिट आवाज़ रितेश पांडे भी इस चुनावी दंगल में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने उन्हें करगहर से टिकट देकर बड़ा दांव खेला है। रितेश की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि उनका गाना ‘हैलो कौन’ यूट्यूब के इतिहास में सबसे अधिक देखा जाने वाला भोजपुरी गीत बन चुका है। पार्टी का मानना है कि रितेश की सरल छवि और जनता के साथ उनकी सीधी कनेक्टिविटी उन्हें बढ़त दिला सकती है। लेकिन राजनीति एक अलग मंच है, जहां तालियों से ज़्यादा काम करते हैं वोट। यह देखना रोचक होगा कि क्या उनकी संगीत यात्रा उन्हें विधानसभा तक पहुंचा पाएगी।
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अलीनगर में मैथिली ठाकुर की पहली बड़ी जंग
लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने भी इस चुनाव में अपनी नई पहचान गढ़ने की कोशिश की है। उन्होंने अलीनगर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और पहली बार विधानसभा की राह पकड़ी। उनकी उम्मीदवारी के साथ बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा चर्चा में रहा, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया। इतना ही नहीं, उनके समर्थन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सभा ने भी इस सीट को हाई-प्रोफाइल बना दिया। अब सवाल यह है कि क्या कला की दुनिया में अपनी मधुर आवाज़ से दिल जीतने वाली मैथिली राजनीति की दुनिया में भी जनता को प्रभावित कर पाएंगी।
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