
पुराना मंदिर में निभाया खूंखार शैतान का किरदार।
बॉलीवुड में कुछ ऐसे स्टार भी हैं जो पढ़ाई-लिखाई में अव्वल रहे हैं। इनमें पंचायत के जीतेंद्र कुमार से लेकर अमीषा पटेल तक के नाम शुमार हैं। इन स्टार्स ने एक्टर बनने की खातिर बड़ी नौकरी और पैकेज को ठुकरा दिया और अभिनय की दुनिया का रुख कर लिया। क्या आप बॉलीवुड के उस खूंखार विलेन को जानते हैं, जिसने आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की, लेकिन एक्टिंग की खातिर 80-90 के दशक में इंजीनियरिंग की नौकरी ठुकरा दी और फिर हॉरर फिल्मों का खूंखार शैतान बनकर सबको डराया। हम बात कर रहे हैं अनिरुद्ध अग्रवाल की, जिन्होंने बॉलीवुड की हॉरर फिल्मों में शैतान की भूमिका निभाई और खूब लाइमलाइट बटोरी।
बीमारी ने बिगाड़ी चेहरे की बनावट
1949 में देहरादून में जन्में अनिरुद्ध अग्रवाल शुरुआत से ही पढ़ाई में अच्छे थे। पिता की इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने इंजीनियरिंग की राह चुनी और आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की। मुंबई आने पर शुरुआत में तो उन्होंने इंजीनियर के रूप में काम किया, लेकिन फिर एक्टिंग का रुख कर लिया। इसी बीच वह एक दुर्लभ बीमारी का शिकार हो गए, जिसके चलते उनका चेहरा भी बिगड़ गया और लंबाई असाधारण रूप से बढ़ने लगी। उनकी पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर के चलते उनके चेहरे की बनावट अजीब हो गई।
रामसे ब्रदर्स की फिल्मों से मचाया तहलका
अनिरुद्ध अग्रवाल को एक दिन किसी दोस्त ने रामसे ब्रदर्स से मिलने की सलाह दी, जो उन दिनों अपनी ‘पुराना मंदिर’ 1984 की शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी कर ली थी, लेकिन ‘सामरी’ नाम के शैतान वाले हिस्से की शूटिंग बाकी थी। रामसे ब्रदर्स उन दिनों राक्षसी किरदारों के लिए मुखौटों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अनिरुद्ध के साथ उन्हें ऐसा करने की जरूरत महसूस नहीं हुई।
शैतान के किरदार के लिए नहीं किया मेकअप
अनिरुद्ध अग्रवाल ने 2017 में बीबीसी से बातचीत के दौरान रामसे ब्रदर्स की पुराना मंदिर में अपने किरदार सामरी के बारे में बात करते हुए कहा था- ‘मेरा चेहरा ऐसा है कि उन्हें मेकअप करने या मुखौटे की जरूरत ही महसूस नहीं हुईय़ मेरा चेहरा… सबके लिए डरावना बन चुका था। निर्देशक जोड़ी के सदस्य श्याम रामसे ने कहा- बिना मेकअप के भी अनिरुद्ध का चेहरा बहुत अलग है। अगर वह रास्ते से जा रहे होंगे तो लोग उन्हें मुड़कर जरूर देखेंगे। वह हमारे लिए एकदम सही हैं। उन्हें मेकअप, मुखौटे की जरूरत नहीं है।’
एक्टिंग के लिए छोड़ी नौकरी
अनिरुद्ध अग्रवाल ने अभिनय के लिए अपनी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी। पुराना मंदिर की सफलता देखने के बाद रामसे ब्रदर्स ने ‘सामरी 3डी’ बनाई, लेकिन ये फिल्म फ्लॉप रही। हालांकि, 1990 में आई ‘बंद दरवाजा’, और 1993 में रिलीज हुई ‘द जी हॉरर शो’ के जरिए सफलता का सिलसिला फिर शुरू हो गया। उन्हें आखिरी बार 2010 में रिलीज हुई ‘मल्लिका’ में देखा गया था, लेकिन अब सालों से वह बड़े पर्दे से दूर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अनिरुद्ध अपनी पत्नी के साथ मुंबई में ही रहते हैं, जबकि उनके बच्चे ओवरसीज में सेटल हैं। उन्होंने कुछ सालों पहले अपना कंस्ट्रक्शन बिजनेस भी शुरू किया था।
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