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OTT स्टार है ये लड़की, पिता थे ट्रक ड्राइवर, खुद नौकरानी के रोल में हुई टाइपकास्ट

OTT स्टार है ये लड़की, पिता थे ट्रक ड्राइवर, खुद नौकरानी के रोल में हुई टाइपकास्ट

Image Source : INSTAGRAM/@SUNITA_RAJWAR
कौन है फोटो में नजर आ रही ये बच्ची?

मनोरंजन जगत को लेकर कहा जाता है कि यहां पहचान बनाने और काम हासिल करने के लिए मेहनत के साथ-साथ लक और किसी गॉड फादर का होना बेहद जरूरी है। लेकिन, इंडस्ट्री में ऐसे कई स्टार हैं, जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत के दम पर इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई है। कई ने महीनों तो कई ने सालों संघर्ष किया और अपनी अलग पहचान बनाई। नवाजुद्दीन सिद्दीकी से लेकर राजकुमार राव जैसे स्टार इसके उदाहरण हैं। फोटो में नजर आ रही ये बच्ची भी मनोरंजन जगत के ऐसे ही चेहरों में से है, जिसने दिन-रात मेहनत करके फिल्मी दुनिया में अपने लिए अलग जगह बनाई है। एक ट्रक ड्राइवर की बेटी होते हुए इस बच्ची ने हमेशा बड़े सपने देखे और साबित कर दिया कि मेहनत और जुनून से वो सब हासिल किया जा सकता है, जिसके आप सपने देखते हैं। क्या आप फोटो में नजर आ रही इस बच्ची का नाम बता सकते हैं?

कौन है फोटो में नजर आ रही ये बच्ची?

इस ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में नजर आ रही ये बच्ची कोई और नहीं बल्कि ‘पंचायत’ फेम सुनीता राजवर हैं। सुनीता राजवर एक ड्राइवर की बेटी हैं और खुद भी नौकरानी के रोल में टाइपकास्ट हुईं, इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करती रहीं। अब वह ‘पंचायत’ में ‘क्रांति देवी’ के किरदार से धूम मचा रही हैं और फुलेरा गांव की नई प्रधानजी बन चुकी हैं और अपने अनोखे किरदारों के लिए मशहूर हैं।

क्रांति देवी के किरदार से बटोरी सुर्खियां

सुनीता राजवर ने 2003 में बड़े पर्दे पर शुरुआत की थी और ‘मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं’ उनकी पहली फिल्म थी। अब वह पंचायत की क्रांति देवी के तौर पर सुर्खियां बटोर रही हैं, लेकिन ये सफर उनके लिए जरा भी आसान नीहं था। सुनीता सपनों और जुनून से भरी थीं, लेकिन उनके लिए रास्ता बहुत कठिन था। उन्होंने उत्तराखंड के एक छोटे से शहर से होते हुए भी स्पॉटलाइट की दुनिया चुनी। उनके पिता ट्रक ड्राइवर थे, लेकिन वह अभिनय करना चाहती थीं और उनके इसी जुनून ने उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा तक पंहुचा दिया।

गुल्लक ने करियर को दी नई उड़ान

एनएसडी में उनके एडमिशन की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। कॉलेज के दिनों में एनएसडी के एक पूर्व छात्र ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और अभिनय के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद सुनीता ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया। 90 के दशक के आखिरी में सुनीता मुंबई पहुंचीं, लेकिन फिल्मी दुनिया में संघर्षों का सामना करना पड़ा। खर्चे चलाने के लिए उन्होंने कभी जूनियर आर्टिस्ट का काम किया तो कभी नौकरानी के किरदार में टाइपकास्ट हुईं। एक समय ऐसा भी आया जब हताश होकर उन्होंने एक्टिंग छोड़ने का मन बना लिया, लेकिन फिर उन्हें ‘गुल्लक’ ऑफर हुई और उनके करियर को नई उड़ान मिली।

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