
रतन राजपूत।
एक वक्त था जब टीवी स्क्रीन पर रतन राजपूत का चेहरा सबसे पहचाने जाने वाले चेहरों में गिना जाता था। ‘अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो’ जैसी सुपरहिट सीरियल से उन्होंने हर घर में अपनी जगह बना ली थी। उनकी सादगी, भावपूर्ण अभिनय और दमदार मौजूदगी ने उन्हें छोटे पर्दे की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार कर दिया था। ‘राधा की बेटियों’ में उनकी मासूमियत ने लोगों का दिल जीता और वो हर घर में पहचाना जाने वाला नाम बन गई थी, लेकिन किस्मत के पास उनके लिए एक और कहानी थी, जो ग्लैमर से नहीं, बल्कि संघर्ष, शोक, बीमारी और आत्म-खोज से भरी थी।
पिता के निधन से टूटी रतन
रतन राजपूत का करियर तेजी से ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा था। ‘राधा की बेटियां’, ‘संतोषी मां’, ‘महाभारत’ जैसे शो उनके खाते में जुड़ते गए। उन्होंने रियलिटी शो ‘रतन का स्वयंवर’ से भी खूब सुर्खियां बटोरीं, लेकिन 2018 में उनकी जिंदगी थम सी गई, जब उनके पिता का निधन हो गया। यह हादसा उनके लिए इतना बड़ा सदमा साबित हुआ कि वह गहरे डिप्रेशन में चली गईं। भावनात्मक रूप से टूट चुकी रतन ने एक्टिंग से ब्रेक लेने का फैसला किया और मुंबई छोड़ दिया। उन्होंने शांति की तलाश में गांव में बस गई। ना कि अपने पैतृक गांव में, बल्कि एक अनजान गांव में, जहां किसी को उनकी पहचान न हो। वहां वे खेतों में काम करने लगीं, मिट्टी में हाथ लगाए, चूल्हे पर खाना पकाया और जीवन के सबसे बुनियादी रूप में खुद को फिर से गढ़ा।
अलग चीजें ट्राई करती रहीं रतन
इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर व्लॉगिंग शुरू की, जहां उन्होंने अपने जीवन की सच्चाइयों को साझा करना शुरू किया। गांव की सादगी और आत्मिक शांति ने उन्हें आध्यात्म की ओर खींच लिया। इसके बाद वो मुंबई लौटीं और काफी समय चंडीगढ़ में रहीं। इसके बाद उन्होंने आत्म खोज की कोशिश शुरू की। उन्होंने पढ़ाई की, जो आम पढ़ाई से अलग, जीवन संवारने की कला सीखने की थी। इसकी झलक भी उन्होंने दिखाई। वो एक स्कूल में जाने लगीं, जहां हॉस्टल में भी रहीं। उनका ज्यादा वक्त कभी मां तो कभी अपने मामा के साथ बीता, जिनसे वो जीवन के गुण सीखती रहीं। वो कई बार वृंदावन भी आईं।
इस बीमारी का हुईं शिकार
साल 2024 की शुरुआत में ही उन्होंने खुलासा किया कि वो ऑटोइम्यून बीमारी से जूझ रही हैं। उनका संघर्ष काफी बढ़ गया था, ऐसे में वो रोशनी भी नहीं झेल पाती थीं। कैमरे और लाइट से दूर रहने का उन्होंने इसलिए भी फैसला किया, क्योंकि उनके लिए रोशनी बर्दाश्त कर पाना भी आसान नहीं रहा था। उन्हें घर के अंदर भी काले चश्मे लगाने पड़ते थे। इस शारीरिक तकलीफ ने अभिनय से उनका और भी ज्यादा मोहभंग कर दिया। आखिरी बार एक्ट्रेस 2024 में प्रेमानंद जी महाराज के पास नजर आई थी। एक्ट्रेस उनसे मिलने पहुंची थीं, इसके बाद उन्होंने बताया कि वे पिछले पांच वर्षों से आध्यात्म की राह पर हैं। अभिनय अब उनके लिए जीवन का प्राथमिक उद्देश्य नहीं रह गया था।
सोशल मीडिया से हुईं दूर
आज रतन राजपूत अभिनय की दुनिया से दूर, आत्मखोज और आध्यात्मिक शांति की तलाश में जीवन जी रही हैं। वो सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर हो चुकी हैं। 31 अक्टूबर के बाद से उनका कोई भी सोशल मीडिया पोस्ट सामने नहीं आया है। दिवाली पर उन्होंने अपनी एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा था, ‘आपके प्यार और ईश्वर के आशीर्वाद से मैं खुश हूं और उम्मीद करती हूं आप भी खुशहाल होंगे! आप सभी को दिवाली की ढेरों शुभकमनाएं…सभी को दिवाली की शुभकामनाएं।’ एक्ट्रेस ने एक साल से कोई व्लॉग भी साझा नहीं किया है। ऐसे में उनके फैंस आज भी पूछते हैं कि वो कैसी हैं और किस हाल में हैं।
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